विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक सोनपुर मेला लोगों के आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है. हर दिन लोगों की भीड़ भी मेले में देखी जी रही है. हर साल इस मेले में कुछ ना कुछ नया जरूर ही देखने के लिए मिलता है. कहा जाए तो, बदलाव अक्सर दिखते हैं. कहने को तो यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है. लेकिन, यहां आने वाले सैलानियों का आकर्षण अब नौटंकी कंपनियों के कार्यक्रम होते हैं. बता दें कि, पौराणिक स्थल हरिहर नाथ मंदिर के निकट प्रत्येक वर्ष लगने वाले इस मेले में देश-विदेश के श्रद्धालु तथा पर्यटकों का आगमन होता है.
जानकारी के मुताबिक, नौटंकी दिखाने को लेकर परमिशन भी दे दिया गया है. दरअसल, सारण जिला प्रशासन ने मेला उद्घाटन के पांच दिन बाद नौटंकी कंपनियों को कार्यक्रम पेश करने की अनुमति दी है. अनुमति मिलने के बाद अब मेले में जहां रौनक बढ़ने की उम्मीद है, वहीं व्यापारियों में भी उम्मीद बढ़ी है. बता दें कि, पहले सोनपुर मेले में आने वाले दूर-दराज के लोगों के रात में मनोरंजन के लिए गीत और संगीत का कार्यक्रम होता था. बाद में इसकी जगह नौटंकी ने ले लिया. अब तो नौटंकी (थियेटर) इस मेले की पहचान हो गई है.
मेले में पहुंचने वाले कारोबारियों का कहना है कि नौटंकी की वजह से ही उनकी दुकान चलती है. इसके अलावे उनका यह भी कहना है कि, जब मेले में हाथी, घोड़े की खरीद-बिक्री होती थी, तब लोग हाथी और घोड़ा देखने मेले में आते थे. अब, इस परंपरा का मात्र निर्वहन किया जाता है. इस साल भी अब तक एक हाथी नहीं आया है, लेकिन कुछ घोड़ा लाए गए हैं. बताया गया कि इस साल छह नौटंकी कंपनियों को लाइसेंस जिला प्रशासन के तरफ से दिया गया है. नौटंकी देखने के लिए पटना से लोग भी यहां पहुंचते हैं. लोगों की भीड़ जब आती है तो मेले के दुकानों की बिक्री बढ़ जाती है.