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दीपावली के अवसर पर पेड़ों की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों ने जलाए 5100 दीप..

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Bettiah -बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में एक ऐसा गाँव है जहाँ पेड़ों के साथ दीपावली, होली औऱ रक्षाबंधन पर्व त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाए जाने का परम्परा वर्षों से चला आ रहा है। इसी कड़ी में इस साल भी एक साथ सैकड़ों लोगों नें 5100 दीप जलाये औऱ वृक्षों कों बचाने का संकल्प लिया । ख़ास बात है कि बिहार के इकलौते वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व के सीएफ डॉ. नेशामणी ने भी ग्रामीणों के साथ कदमताल करते हुए पर्यावरण प्रेमी गजेंद्र यादव के पहल कीं सराहना कीं ।

दरअसल जलवायु परिवर्तन के बीच पर्यावरण संरक्षण में पेड़ पौधों का होना बेहद ज़रूरी है क्योंकि वृक्ष हैं तो हमारी सांसे हैं लिहाजा वृक्षारोपण क़र वृक्ष संरक्षण के क्षेत्र में दिल के मरीज गजेंद्र नें कृतिमान रचा है क्योंकि अब तक इस युवक नें न केवल दस लाख से अधिक वृक्ष लगाएं हैं बल्कि इन्हीं पेड़ पौधों कों ये अपना घर परिवार यहां तक कीं पत्नी औऱ संतान मान इनकी रक्षा विगत 15 वर्षों से करते चले आ रहें हैं जिसके क़ायल पंचायत के मुखिया अब्दुल राशिद उर्फ़ छोटे से लेकर VTR के निदेशक डॉ नेशामणी के औऱ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार भी हैं तभी तो इनके कार्यों कों लेकर राज्य सरकार नें उन्हें पुरस्कृत भी किया है । दीपावली कीं धूम में यहां आईपीएस विकास वैभव चौराहे पर नर्सरी बनाई गईं है जहां स्कूली बच्चों के साथ साथ सेना के जवान औऱ अधिकारी समेत पुलिस प्रशासन की ओर से पेड़ों कीं दिपावली कों यादगार बनाया गया । 

बता दें कीं देशभर में दिपावली का पर्व धार्मिक औऱ पौराणिक मान्यताओं के आधार पर परम्परागत तरिके से मनाया जा रहा है लेकिन बिहार के इस छोटे से गाँव बरवल पिपरा में हर वर्ष दिपावली पेड़ पौधों कों रौशन क़र वृक्ष संरक्षण के लिहाज से मनाया जा रहा है जिसका मक़सद है मानव जीवन कों हरियाली के साथ बरकरार रखना तो आइये हम सब मिलकर अपने जीवन में कम से कम एक एक वृक्ष लगाएं औऱ जल जीवन हरियाली मिशन कों गति प्रदान करने के साथ साथ जलवायु परिवर्तन के बीच ग्लोबल वार्मिंग के खतरा कों कम करने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। 

 बेतिया से आशीष की रिपोर्ट 

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