पटना: एक तरफ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपने कुनबे के साथ बिहार में महागठबंधन की सरकार और तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने की कवायद में जुटे हैं तो दूसरी तरफ उनके परिवार में ही घमासान मचा हुआ है। प्रेम प्रसंग के मामले में उन्होंने पहले अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पार्टी और परिवार से बाहर का रास्ता दिखाया जिसके बाद वह अपने पिता की पार्टी के विरोध में अपना चुनाव प्रचार कर रहे हैं तो अब उनकी बेटी रोहिणी आचार्य का भी सुर बदला हुआ नजर आ रहा है।
रोहिणी आचार्य पिछले तीन दिनों से सोशल मीडिया के माध्यम से अपने पिता के परिवार और पार्टी से अपनी नाराजगी दिखा रही हैं जिसके बाद अब बिहार में सियासी घमासान मच गया है। एक जानकारी के अनुसार रोहिणी आचार्य ने अपना X अकाउंट प्राइवेट कर लिया साथ ही परिवार के सदस्यों को भी अनफॉलो कर दिया है। लालू परिवार में मचे इस घमासान को सत्ता पक्ष भी हाथ से जाने देने के विचार में नहीं है और लालू परिवार पर निशाना साधा। एक तरफ जदयू भाजपा ने लालू परिवार की स्थिति पर चुटकी ली तो दूसरी तरफ कांग्रेस कन्नी काटते हुए नजर आ रही है।
एक संजय अंधे को दिखाते थे, दूसरे ने अंधा बना दिया
मामले में भाजपा के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि महाभारत में एक संजय थे जो अंधे धृतराष्ट्र को सबकुछ दिखाते थे और एक संजय राजद में हैं जिन्होंने लालू यादव को अंधा बना दिया है। पहले तेज प्रताप को पार्टी और परिवार से बाहर करवाया और अब रोहिणी के पीछे पड़े हैं। राजद के महाभारत को हमलोग पॉपकॉर्न खाते हुए देख रहे हैं।
किडनी दे कर जान बचाने वाली बेटी के साथ लालू को करना चाहिए न्याय
इस मामले में जदयू भी भला कहां पीछे रहेगी। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी लालू परिवार पर निशाना साधा और कहा कि जिस बेटी ने लालू यादव को अपना किडनी देकर उनकी जान बचाई आज वह भी परिवार से दूर हो गई। अब न्याय लालू यादव को ही करना है। पूरी दुनिया देख रही है कि वे अपनी बेटी के साथ क्या न्याय करते हैं।
कांग्रेस ने झाड़ा पल्ला
उधरइस मामले में राजद की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने इस मामले से दूरी बनाना उचित समझा है। कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ से जब मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह राजद का आंतरिक मामला है। हां यह जरूर है कि संजय यादव की रणनीति से 2020 में पार्टी को मजबूती मिली थी लेकिन अभी की स्थिति पर निर्णय खुद तेजस्वी यादव को ही लेना होगा।
बता दें कि बीते दिनों बिहार अधिकार यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव की गाड़ी में उनकी सीट पर संजय यादव बैठे नजर आए थे जिसकी तस्वीर एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सवाल खड़े किए थे। इस तस्वीर को लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी शेयर किया था जिसके बाद से विवाद बढ़ता ही जा रहा है। फिलहाल देखने वाली बात होगी कि विधानसभा चुनाव से पहले लालू परिवार में सब कुछ ठीक होता है या फिर यह चुनाव पारिवारिक कलह की बलि चढ़ जाएगा।