Join Us On WhatsApp

ऑनलाइन पिंडदान पर विरोध का सिलसिला जारी, कहा- सनातन धर्म पर ही सारे प्रयोग क्यों होते हैं... यह बंद होना चाहिए

गयाजी में पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला है। आगामी 6 सितंबर से यह मेला शुरू हो जाएगा। इसके बीच बिहार सरकार के पर्यटन विकास विभाग निगम के द्वारा ऑनलाइन पिंडदान का पैकेज भी शुरू किया गया है। ऑनलाइन पिंडदान का लगातार विरोध हो रहा है।

Online pinddan par virodh ka silsila jaari, kaha- Sanatan Dh
ऑनलाइन पिंडदान पर विरोध का सिलसिला जारी- फोटो : Darsh News

Gaya Ji : बिहार के गयाजी में पितृपक्ष मेला शुरू होने वाला है। आगामी 6 सितंबर से यह मेला शुरू हो जाएगा। इसके बीच बिहार सरकार के पर्यटन विकास विभाग निगम के द्वारा ऑनलाइन पिंडदान का पैकेज भी शुरू किया गया है। ऑनलाइन पिंडदान का लगातार विरोध हो रहा है। गयापाल पंडा और विभिन्न संगठन ऑनलाइन पिंडदान का विरोध कर रहे हैं। इसके बीच प्रसिद्ध ज्योतिषज्ञ ज्ञानेश मिश्र भारद्वाज और नमो फाउंडेशन के संदीप मिश्रा ने कहा कि, यह बंद होना चाहिए।


ऑनलाइन पिंडदान किसी भी तरह से तर्कसंगत नहीं है। ज्ञानेश मिश्रा भारद्वाज ने कहा कि, यह हमारी विष्णु नगरी है। यहां पितृपक्ष मेले में पितृ पक्ष श्राद्ध का कार्य चलता है। गयाजी की भूमि पर जो लोग आते हैं और पितरों के लिए मोक्ष की कामना करते हैं। उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसी बड़ी आस्था है। किंतु ऑनलाइन पिंडदान कर आस्था के साथ चोट किया जा रहा है। यहां आने का बड़ा विषय है। किसी भी पितर पूर्वज के मोक्ष कामना के लिए यहां आना जरूरी होता है। 

ऑनलाइन पिंडदान से मोक्ष की कामना नहीं कराया जा सकता। इस दौरान कहा कि, यह भावना मोक्ष भूमि गया जी से जुड़ा हुआ है। उसे नष्ट करने का प्रयास ऑनलाइन के माध्यम से किया जा रहा है। यहां गया जाने का एक अलग महत्व है। इसे अब बिजनेस का स्रोत बनाया जा रहा है। हम सरकार के इस कदम का विरोध करते हैं। विष्णु नगरी पंचकोशी में आने का महत्व है और पितरों पूर्वजों के लिए मोक्ष कामना की फलदायी होता है।


वहीं, संदीप मिश्रा ने कहा कि, सबसे पहले हमें गया को जानने की जरूरत है। गया का नामकरण गया सुर नाम के राक्षस के नाम पर हुआ। उन्हें वरदान था कि गयासुर को जो स्पर्श करेगा वह स्वर्ग को चला जाएगा। उसे रोकने के लिए भगवान विष्णु गदाधर रूप में समय आए और उनका यहां दाहिना चरण विराजमान है। इस भूमि के स्पर्श मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यह बड़ी आस्था है। किंतु ऑनलाइन का सिस्टम गलत है। जब तक हम लोग इस भूमि को स्पर्श नहीं कर सकते हैं, जल नहीं दे सकते हैं, जब तक इस भूमि को स्पर्श कर पितरों के मोक्ष की कामना नहीं हो सकती वह बेकार है। ऑनलाइन पिंडदान का कोई महत्व नहीं है। जब तक गया जी के भूमि, पिंडवेदी को छुआ नहीं, तर्पण नहीं किया, तो पितरों को कैसे मोक्ष की प्राप्ति होगी। संदीप मिश्रा की ने कहा थी ब्रह्म हत्या, गो हत्या का पाप कभी नष्ट नहीं होता है। किंतु गया में श्राद्ध करने से यह सभी पाप भी नष्ट हो जाते हैं, तो धर्म पुराणों में स्पष्ट रूप से लिखा है कि गया आने से पितरों को मोक्ष मिलेगा।


संदीप मिश्रा ने कहा कि, आखिर सारे प्रयोग सनातन धर्म के साथ क्यों किए जाते हैं। हम सरकार, पर्यटन मंत्री और जिला प्रशासन से मांग करना चाहते हैं कि हमारे सनातनी आस्था के साथ इस तरह का खिलवाड़ ना किया जाए।


गया जी से मनीष कुमार की रिपोर्ट


ताजा ब्रेकिंग न्यूज़ और अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए दर्श न्यूज़ के साथ, यह भी पढ़े :    

आस्था के संग चुनावी रणनीति का संगम : 17 सितंबर को PM Modi का पिंडदान और रोड शो संभावित   https://darsh.news/news/aastha-ke-sang-chunavi-ranniti-ka-sangam-17-september-ko-pm-modi-ka-pinddan-aur-road-show-sambhavit-318287



Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp