कैमूर: बिहार में चुनाव से पहले गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है। विपक्षी दलों ने SIR के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने SIR पर रोक लगाने से इंकार कर दिया लेकिन बिहार विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देश दिया कि सभी जिलों में अर्ध-कानून स्वयंसेवकों को दावा और आपत्ति दर्ज करने के लिए मदद में लगायें। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में अब बिहार विधिक सेवा प्राधिकरण ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी कड़ी में कैमूर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव सुमन सौरव ने एक प्रेस वार्ता किया।
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प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि सभी प्रखंडों में SIR प्रक्रिया में दावा और आपत्ति दर्ज करने के लिए परा विधिक स्वयंसेवक (PLV) नियुक्त किये जा रहे हैं। सभी प्रखंडों में लोग दावा और आपत्ति दर्ज करने के लिए PLV की मदद ले सकते हैं। इतना ही नहीं PLV से इस संबंध में आवश्यक जानकारी लेने के लिए भी मदद ली जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्या उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से वंचित न किया जाए और सभी को समय पर सहायता उपलब्ध हो। उन्होंने आगे कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आमजन को नि:शुल्क विधिक सहायता प्रदान करने के लिए संकल्पित है, और मतदाता सूची पुनर्निरीक्षण जैसी महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया में भी नागरिकों को जागरूक और समर्थ बनाना हमारी प्राथमिकता है।
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कैमूर से प्रमोद कुमार की रिपोर्ट