नई दिल्ली: भारत के पाकिस्तान के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक दिन अचानक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर सीजफायर करवाने का दावा किया और कुछ देर बाद दोनों देशों के बीच हमलों का दौर रुक भी गया। डोनाल्ड ट्रम्प के इस दावे का भारत में भारी विरोध हुआ और विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक से बढ़ कर एक हमले भी किये। हालाँकि इस बीच केंद्र सरकार ने सीजफायर में अमेरिका के दावों को निराधार बताते हुए द्विपक्षीय बातचीत को ही आधार बताया लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के बारंबार दावों के बीच यह एक राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। अब इस मामले में पाकिस्तान ने खुद ही सब कुछ साफ कर दिया है।
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने एक निजी न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू में बताया कि भारत ने अमेरिका के मध्यस्थता के ऑफर को ठुकरा दिया था और द्विपक्षीय मुद्दा बताते हुए आपस में ही सुलझाने की बात कही थी। इशाक डार ने कहा कि बीते 10 मई को अमेरिका के राष्ट्रपति के सेक्रेट्री रुबियो के जरिये संघर्ष विराम का प्रस्ताव मेरे पास आया तो मुझे बताया गया कि बहुत ही जल्द भारत और पाकिस्तान के बीच एक स्वतंत्र स्थान पर बातचीत होगी। 25 जुलाई को वाशिंगटन में जब हमने रुबियो से पुचा तो उन्होएँ अकः कि भारत का कहना है कि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है। भारत ने हमारे साथ किसी भी मुद्दे पर बातचीत के लिए किसी अन्य देश की मध्यस्थता से साफ मना कर दिया था।
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पाकिस्तानी उप प्रधानमंत्री ने कहा कि हम एक शांतिप्रिय देश हैं और हमारा मानना है कि बातचीत आगे बढने का एक रास्ता है लेकिन जब भारत बातचीत नहीं करना चाहता है तो फिर हम कुछ कर नहीं सकते हैं। बता दें कि जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था जिसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर हमला किया। हालांकि इस हमले में भारत का कोई नुकसान नहीं हुआ जबकि जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान को बहुत नुकसान पहुंचाया।
दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति देख अमेरिका ने मध्यस्थता की कोशिश की लेकिन भारत ने मध्यस्थता स्वीकार करने से इंकार कर दिया था। बाद में फिर पाकिस्तानी सेना ने भारत को सीजफायर का प्रस्ताव दिया जिसके बाद भारत सीजफायर पर तैयार हुआ और दोनों देशों के बीच हमले की स्थिति रुकी। हालाँकि इस दौरान और उसके बाद से अब तक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कम से कम दर्जनों बार भारत पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का खुद श्रेय लिया जिसकी वजह से भारत में राजनीति भी खूब हुई।
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