पटना: बिहार में पंचायत चुनाव दिसंबर 2026 से पहले कराए जाएंगे। चुनाव से पहले सभी पदों का आरक्षण नई जनगणना के आधार पर फिर से तय किया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि आरक्षण को लेकर लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सब काम समय पर पूरा हो जाएगा। 2021 में पंचायत चुनाव 11 चरणों में हुए थे। उसके बाद दिसंबर 2021 से जनवरी 2022 के बीच पंचायत प्रतिनिधियों ने शपथ ली थी। पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर 2026 में पूरा हो जाएगा। इसलिए चुनाव उसके पहले होने जरूरी हैं।
कैसे होगा आरक्षण?
नए नियम के अनुसार जहां पहले आरक्षण था, उसे खत्म कर नई जनगणना के आधार पर आरक्षण तय होगा। एससी और एसटी को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण मिलेगा। लगभग 20% पद अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए होंगे।
ग्राम पंचायत वार्ड, मुखिया, पंचायत समिति, जिला परिषद और सरपंच सभी पदों पर नए आरक्षण लागू होंगे। ईवीएम से मतदान इस बार पंचायत चुनाव ईवीएम मशीन से होंगे। ग्राम पंचायत सदस्य, मुखिया, सरपंच, जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और पंच सभी पदों के लिए मतदान ईवीएम से कराया जाएगा।
आयोग ने क्या कहा?
आयोग ने बताया कि 2016 में पहली बार आरक्षण तय हुआ था। इसके आधार पर 2016 और 2021 का चुनाव हो चुका है। अब तीसरे चुनाव से पहले नए सिरे से आरक्षण तय होगा। बिहार में पंचायत चुनावों में लगभग ढाई लाख से अधिक पदों पर लोग चुनाव लड़ेंगे। आयोग ने कहा कि सारी तैयारी समय पर पूरी कर ली जाएगी।