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पप्पू यादव का 100 सीटों वाला डिमांड, तेजस्वी के साथ कांग्रेसी भी होंगे असहज!

Pappu Yadav's demand for 100 seats, Congressmen along with T

Patna :- ऐसा लगता है कि पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव लोकसभा चुनाव में राजद और तेजस्वी यादव द्वारा उनके साथ किए गए व्यवहार को भूल नहीं पा रहे हैं इसलिए वे आए दिन इस तरह का बयान दे रहे हैं जिससे कि आने वाले विधानसभा चुनाव में राजद और कांग्रेस के बीच बेहतर संबंध के बजाय अलगाव हो. इसका एक उदाहरण आज उनके बयान से लिया जा सकता है जिसमें पप्पू यादव ने कहा है कि कांग्रेस को बिहार में 70 नहीं बल्कि 100 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, उनका यह बयान राजद एवं तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन के दूसरे दलों के नेताओं के लिए भी असहज करने वाला है, क्योंकि आरजेडी के साथ महागठबंधन से जुड़े अधिकांश दल के नेता कांग्रेस को पिछले 2020 के मुकाबले 70 से कम सीट देने की मांग कर रहे हैं क्योंकि  पिछले चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और उसकी वजह से ही महागठबंधन बहुमत तक नहीं पहुंच पाई थी.

 बताते चल रहे हैं कि पटना के दीघा में एक तरफ महागठबंधन के नेताओं की बैठक हो रही थी, जिसमें राजधानी पटना से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक महा गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं में समन्वय बनाने पर जोर दिया जा रहा था.वहीं दूसरी तरफ पाटालिपुत्रा ऐक्सोटिका में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव जाप के पूर्व नेताओं के साथ बैठक कर रहे थे. जाप नेताओं ने एक स्वर से कांग्रेस में शामिल होने की सहमति जताई है. इसके बाद पप्पू यादव कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं के साथ मिलकर यह प्रस्ताव रखेंगे और आने वाले दिनों में गांधी मैदान में एक विशाल रैली करेंगे, जिसमें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को आने का निमंत्रण दिया जाएगा. 

 मीडिया कर्मियों से बात करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि आज से हमारे एक-एक कार्यकर्ता कांग्रेस को मजबूत करने में लग जाएंगे. इंडिया अलायन्स में कांग्रेस सबसे बड़ा घटक दल है. हमारी मांग है कि कांग्रेस कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़े.

 बताते चल रहे हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले पप्पू यादव ने अपनी जब पार्टी को कांग्रेस में विलय कर दिया था लेकिन उन्हें राजद की वजह से कांग्रेस पूर्णिया से टिकट नहीं दे पाई थी, और फिर पप्पू यादव को निर्दलीय ही मैदान में उतरना पड़ा था. और उस चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव ने पप्पू यादव के खिलाफ बीमा भारती को मैदान में उतारा था और पप्पू यादव को हराने के लिए जीतोड़ मेहनत की थी, पर उसमें वह सफल नहीं हुए थे. पप्पू यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव जीतने में सफल रहे थे.तेजस्वी यादव के उस अभियान को पप्पू यादव भूल नहीं पा रहे हैं इसलिए वे इस तरह का बयान अक्सर देते रहते हैं जिससे कि कांग्रेस और मह गठबंधन के बीच तनाव बढ़ाने की संभावना रहती है. उनका 100 सीटों पर कांग्रेस के चुनाव लड़ने का बयान भी महागठबंधन को असहज करने वाला है.


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