पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान सीट शेयरिंग को लेकर पार्टी आलाकमान के बीच अफरातफरी का माहौल तो है ही इस बीच टिकट के दावेदारों का टिकट काटे जाने के बाद क्षेत्र में भी भगदड़ जैसी स्थिति है। एक तरफ मुजफ्फरपुर के औराई से सीटिंग विधायक रामसूरत राय का टिकट कटने के बाद मंगलवार को कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय पहुंच कर जम कर हंगामा किया तो मामला बुधवार को भी काफी गर्म रहा। टिकट कटने से नाराज विधायक रामसूरत राय ने भी पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाये तो दूसरी तरफ पटना सिटी में नंदकिशोर यादव का टिकट कटने और मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर भी टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं। इसके साथ ही टिकट की आस लगाये छपरा की मेयर राखी गुप्ता ने भी बगावती तेवर अपना लिया है।
निर्दलीय ही दाखिल किया नामांकन
विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं मिलने से नाराज मेयर पुत्र शिशिर कुमार ने अपने समर्थकों के साथ पार्टी से इस्तीफा दे दिया है और निर्दलीय मैदान में उतरने की बात कही है तो दूसरी तरफ छपरा की मेयर राखी गुप्ता ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बना लिया है। बुधवार को राखी गुप्ता ने अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया। बताया जा रहा है कि वह टिकट की दावेदारी में सबसे आगे थी और नामांकन के लिए उन्होंने सारी प्रक्रिया भी पूरी कर ली थी, उन्हें सिर्फ टिकट मिलने का इंतजार था। टिकट कट जाने के बाद नाराज हो कर वह अपने समर्थकों के साथ पहुंच कर निर्दलीय ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया।
यहां की जनता मुझे जानती है
नामांकन के दौरान उनके सर्मथकों का भारी हुजूम उमड़ा जिसे देख यह प्रतीत हो रहा है कि छपरा में भाजपा की राह आसान नहीं होगी। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी पर बहुत भरोसा किया था लेकिन मेरे साथ धोखा हुआ है। मैं छपरा का विकास करना चाहती हूँ और यहां की जनता भी मुझे जानती है। मैंने मेयर रहते हुए काफी काम किया है और अब जनता की मांग थी कि मैं विधायक के रूप में उनकी सेवा करूं। अब पार्टी से धोखा मिलने के बाद मैं निर्दलीय मैदान में आई हूँ और मुझे उम्मीद है कि मुझे जनता का आशीर्वाद जरुर मिलेगा।
पटना मेयर के पुत्र ने दिया पार्टी से इस्तीफा
वहीं दूसरी तरफ पटना की मेयर सीता साहू के पुत्र शिशिर कुमार ने भी कहा कि पटना सिटी विधानसभा सीट से भाजपा के सिटिंग विधायक नंदकिशोर यादव का टिकट कटना काफी निराशाजनक है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी में लगातार जमीनी नेताओं की अनदेखी की जा रही है। बाहर से आये लोगों को पार्टी टिकट दे कर उम्मीदवार बना रही है जिससे स्थानीय नेता के साथ ही कार्यकर्ताओं में भी निराशा है और इस स्थिति में मुझे मेरी जनता जैसा आदेश करेगी मैं वैसा ही करूंगा। टिकट कटने के बाद मैं कार्यालय में जा कर अपना इस्तीफा दे दिया है और अब जनता के आदेश के अनुसार निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से मैदान में उतर सकता हूँ। बता दें कि शिशिर कुमार फतुहा सीट से भाजपा की टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन अब टिकट कट जाने के बाद वे नाराज हो कर पार्टी से बाहर चले गए हैं।
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