सीतामढ़ी/किशनगंज: बिहार में नई सरकार बनने के बाद से लगातार बुलडोजर कार्रवाई जारी है। हालांकि यह बुलडोजर कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर अवैध अतिक्रमण पर चल रहा है लेकिन लोग इसे सरकारी कार्रवाई से जोड़ कर देख रहे हैं। अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर चल रहे बुलडोजर की वजह से अब लोगों में भी आक्रोश दिखना शुरू हो गया है। राज्य में कई जगहों पर प्रशासिनक अधिकारियों के साथ अतिक्रमणकारियों की झड़प भी हुई तो किशनगंज में लोगों ने टीम पर हमला कर दिया जिसमें चाकू लगने से एक सरकारी अमीन घायल हो गए।
सीतामढ़ी के बथनाहा थाना क्षेत्र के पंथपाकड़ पासवान टोली में मंगलवार को अतिक्रमण पर कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोग काफी उग्र हो गए और जम कर हंगामा किया। इस दौरान मौके पर अफरातफरी का माहौल हो गया। जानकारी के अनुसार राम मिलन शाही की करीब 5 कट्ठे जमीं पर वर्षों से अवैध कब्जे को हटाने जब प्रशासनिक टीम पहुंची तो लोगों ने उग्र रूप धारण कर लिया और जम कर विरोध किया। इस दौरान सदर एसडीएम और एसडीपीओ ने काफी समझाया कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार उन्हें जगह खाली करना पड़ेगा लेकिन लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे। इस दौरान लोगों ने अपने घरों में ही आग लगाना शुरू कर दिया।
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लोगों का उग्र प्रदर्शन और घरों में आग लगाने की घटना को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल बुला कर बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम दिया गया। इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर निजी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए टीम पहुंची थी लेकिन लोगों ने उग्र रूप से विरोध किया। लोगों को समझाया गया है और इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। फ़िलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
वहीं दूसरी तरफ किशनगंज के सदर थाना क्षेत्र के खगड़ा स्थित कालू चौक मेला ग्राउंड में नगर परिषद की टीम और पुलिस बल अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने टीम पर हमला बोल दिया और पत्थरबाजी के साथ धारदार हथियार भी चलाई। घटना में नगर परिषद के अमीन कमलेश कुमार, जेसीबी चालक कृपा कुमार और ट्रैक्टर चालक नदीम घायल हो गए।
घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि टीम जब अतिक्रमण हटा रही थी उसी दौरान लोग उग्र हो गए और नगर परिषद की टीम समेत पुलिस पर पत्थरबाजी करने लगे। इस दौरान लोगों ने धारदार हथियार से भी कर्मियों के ऊपर हमला किया जिसमें नगर परिषद के अमीन कमलेश कुमार चाकू लगने से जख्मी हो गए। आक्रोशित भीड़ का आक्रोश देख कर अतिक्रमण हटाने गयी टीम किसी तरह भारी मशक्कत के बाद मौके से भागे और अपनी जान बचाई। लोगों का आरोप था कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में पक्षपात किया जा रहा था। कुछ लोगों के घर को तोडा जा रहा था तो कुछ का छोड़ा जा रहा था। इसी वजह से लोग उग्र हो गए और हमला कर दिया।
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