पास बनवाने के लिए ‘चलो मोबाइल एप’ के जरिए ऑनलाइन आवेदन, ऑफलाइन पास के लिए 20 रुपये अतिरिक्त शुल्क देकर तत्काल पास
पटना: पटना में स्कूली समय के अनुसार पिंक बस सेवा शुरू हो गई है, जिससे छात्राओं और महिला शिक्षिकाओं को सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का सुविधा मिलेगी। परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बिहार राज्य पथ परिवहन निगम को निर्देश देते हुए कहा है कि इस सेवा से महिलाओं को स्कूल-कॉलेज आने-जाने में सहूलियत मिलेगी। पटना में कुल 30 पिंक बसें चल रही हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य भर में कुल 100 बसों के दो चरणों में शुभारंभ किया है।
पिंक बस की खासियत
पटना में छात्राओं के लिए पिंक बस सेवा के मासिक पास की रियायत दी गई है। छात्राओं के लिए मासिक पास की कीमत 450 रुपये तय की गई है, जबकि महिलाओं और ट्रांसजेंडर के लिए यह 550 रुपये है। पास बनवाने की प्रक्रिया भी बहुत सरल और सुविधाजनक है। छात्राएं और महिलाएं ‘चलो मोबाइल एप’ के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं, जिससे पास एक दिन के भीतर जारी कर दिया जाता है। इसके अलावा, ऑफलाइन पास बनवाने पर 20 रुपये अतिरिक्त शुल्क देना होता है और यह बांकीपुर और फुलवारीशरीफ बस डिपो से उपलब्ध है। पास बनवाने के लिए छात्राओं को आधार कार्ड, फोटो और कॉलेज आईडी कार्ड जमा करना होता है, जबकि महिलाओं को आधार कार्ड और फोटो देना होता है। इस सेवा में महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जा रहा है तथा आधुनिक सुरक्षा और सुविधा युक्तियां उपलब्ध कराई गई हैं।
महिलाओं की स्थिति 2005 से पहले बिहार में
2005 से पहले बिहार में महिलाओं की स्थिति गंभीर थी। उच्च शिशु मृत्यु दर (IMR) और मातृ मृत्यु दर (MMR) थी, अधिकतर महिलाएं घर पर ही प्रसव करती थीं, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर महिलाओं की भागीदारी बहुत कम थी। पंचायतों और सरकारी नौकरियों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व नगण्य था। सुरक्षा, सम्मान और सामाजिक अधिकारों के मामले में महिलाओं को बहुत प्रतिबंध और असमानता का सामना करना पड़ता था। महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए सीमित अवसर पाती थीं और उनके पक्ष में सरकारी सुरक्षा व सशक्तिकरण पहल बहुत कम थीं।
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2005 के बाद महिला सशक्तिकरण में बदलाव
2005 के बाद बिहार सरकार, विशेष रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई। महिलाओं के लिए नौकरियों एवं पंचायत चुनाव मॉं आरक्षण, महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक बस सेवा जैसी पहल, सुरक्षित यात्रा के कई उपाय तथा महिला रोजगार योजनाएं शुरू की गईं। महिला अधिकारों और सुरक्षा की दिशा में राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाए, जिससे महिलाओं को शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक भागीदारी में वृद्धि मिली। पिंक बस सेवा जैसी योजनाओं ने न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षित यात्रा की सुविधा दी, बल्कि महिलाओं के आत्म-निर्भर बनने की राह भी आसान की।
पटना में पिंक बस सेवा का प्रभाव
पटना में पिंक बस सेवा महिलाओं को सुरक्षित, सहज और आधुनिक यातायात सुविधा प्रदान करेगी। बसों में 22 आरामदायक सीटें, CCTV कैमरे, GPS ट्रैकिंग, पैनिक बटन, मोबाइल चार्जिंग पोर्ट, सेनेटरी नैपकिन मशीन जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ ही यह बसें महिलाओं को रोजगार भी प्रदान करती हैं क्योंकि इनका संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाता है। छात्रों और महिला शिक्षकों के लिए यह विशेष सुविधा उनकी शिक्षा एवं कार्यक्षमता को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगी। इसके अलावा, पिंक बस में कम किराए से महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में आर्थिक राहत भी मिलेगी।
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