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पोखर विवाद बना रणक्षेत्र, जान बचाकर पीछे हटी पुलिस

मुजफ्फरपुर के कटरा थाना क्षेत्र से सामने आए एक वायरल वीडियो में सरेआम पुलिस पर हमला होते दिख रहा है। पोखर में मछली मरवाने को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

Pond dispute turns into a battlefield, police retreat to sav
पोखर विवाद बना रणक्षेत्र, जान बचाकर पीछे हटी पुलिस- फोटो : Darsh News

मुजफ्मुफरपुर: मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने जिले की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह सरेआम पुलिस टीम पर हमला किया गया, हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिसकर्मियों को अपनी जान बचाने के लिए पीछे हटना पड़ा। कुछ देर के लिए मौके पर अफरा-तफरी और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

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यह मामला कटरा थाना क्षेत्र के बंधपुरा पंचायत का बताया जा रहा है। आरोप है कि पंचायत के सरपंच फहद आजम उर्फ राजन ने अपने समर्थकों और गुर्गों के साथ मिलकर दारोगा समेत पुलिस कर्मियों के साथ मारपीट की। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन की भूमिका और दबंगों के बढ़ते हौसले पर सवाल उठने लगे हैं। जानकारी के अनुसार, बंधपुरा पंचायत स्थित एक पोखर में शांतिपूर्ण तरीके से मछली मरवाने के लिए पुलिस प्रशासन पहले से मौके पर तैनात था, ताकि किसी तरह का विवाद न हो। लेकिन शांति व्यवस्था बनाए रखने पहुंची पुलिस पर ही हमला कर दिया गया। आरोप है कि सरपंच ने अपने समर्थकों को उकसाकर पुलिस टीम पर हमला करवाया। इस हमले में कई पुलिस जवान घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल कटरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज किया गया। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है।

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बताया जाता है कि यह विवादित पोखर पहले पंचायत के सरपंच के पास था, जिसे बाद में सुरेश कुमार सिंह को आवंटित किया गया। इसके बाद विभागीय प्रक्रिया के तहत यह पोखर तेहवारा निवासी तपेन्दर सिंह को निर्गत कर दी गई। आरोप है कि जब भी तपेन्दर सिंह मछली मारने जाते थे, उन्हें रोका जाता था और रंगदारी व हिस्सेदारी की मांग की जाती थी। परेशान होकर उन्होंने विभाग में लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद पुलिस की तैनाती की गई थी। कटरा थाना अध्यक्ष पंकज सिंह ने बताया कि हमले में पुलिस कर्मियों को चोटें आई हैं। आवेदन तैयार किया जा रहा है और प्राथमिकी दर्ज कर कानून को हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि जब पुलिस की मौजूदगी में ही कानून को चुनौती दी जा रही है, तो आम लोगों की सुरक्षा कितनी सुरक्षित है।

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