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प्रशांत किशोर का बिहार की राजनीतिक दलों पर बड़ा हमला

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 जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार की जातिवादी राजनीति पर करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि यह धारणा पूरी तरह गलत है कि जातिवाद केवल बिहार तक ही सीमित है। गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा—हर जगह जातिवाद मौजूद है। लेकिन जब बिहार की बात होती है, तो हर कोई इसे केवल बिहार का मुद्दा बताता है।प्रशांत किशोर ने आगे बताया कि बीते 30-40 वर्षों में नेताओं ने समाज में डर और अविश्वास का माहौल बना दिया है। नेताओं ने आपको यह यकीन दिला दिया है कि अगर तुम्हारे जाती का नहीं हैं कोई तुमको वोट ही नहीं देगा। अगर आपके पास बाहुबल और पैसा नहीं है, तो आप चुनाव नहीं जीत सकते। उन्होंने उदाहरण देते हुए सवाल किया, लालू यादव कौन से टाटा के लड़के थे, जो उन्हें वोट मिला? नीतीश कुमार कौन से बिरला के लड़के थे? उनकी जाति के कितने लोग बिहार में हैं जो उन्हें वोट मिला? उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों को समझने की जरूरत है और समाज को इस मानसिकता से बाहर निकलने की आवश्यकता है।प्रशांत किशोर ने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार का समाज जागरूक और समझदार है। उसको मालूम है कि अगर एक प्रतिशत भी विश्वास है कि मोदी से देश का विकास हो सकता है, तो जातियों से ऊपर उठकर गुजरात के लड़के को अपने लड़के से भी अच्छा मानकर वोट दिया। तो अगर यहां का आदमी खड़ा होगा तो क्यों नहीं वोट देगा? लेकिन दिक्कत बस इतनी है कि नेताओं ने लोगों के मन में डर बैठ दिया है।

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