Join Us On WhatsApp

लालू राज में बिहार गरीब राज्य था और नीतीश राज में भी है: प्रशांत किशोर

Prashant on lalu, nitish

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर बिहार की जनता को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने बिहारवासियों से स्पष्ट कहा कि राजनीति में केवल चुनाव जीतने और हारने से समाज में परिवर्तन नहीं लाया जा सकता।उन्होंने कहा, चुनाव चाहे कोई भी जीते या हारे, जब तक समाज के स्तर पर बदलाव नहीं होगा, तब तक दलों की जीत-हार से आमूलचूल परिवर्तन की अपेक्षा करना व्यर्थ है। जब कांग्रेस की यूपीए सरकार दिल्ली में थी, तब भी बिहार में गरीबी, बेरोजगारी और पलायन की स्थिति जस की तस थी। आज दिल्ली में मोदी जी की सरकार है, फिर भी बिहार में वही गरीबी, भ्रष्टाचार और पलायन कायम है। उन्होंने आगे कहा, पिछले 15 वर्षों तक जब लालू प्रसाद यादव जी का शासन था, तब भी बिहार की स्थिति यही थी। अब 17-18 वर्षों से नीतीश कुमार का शासन है, लेकिन स्थिति में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। थोड़े-बहुत सुधार हो सकते हैं, लेकिन मूल रूप से स्थिति वैसी ही है, जैसी पहले थी।प्रशांत किशोर ने कहा 1990 में जब लालू यादव मुख्यमंत्री बने, तब भी बिहार देश का सबसे गरीब राज्य था। 2004 में जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, तब भी बिहार सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य था। आज भी बिहार देश का सबसे गरीब, पिछड़ा और सबसे ज्यादा पलायन करने वाला राज्य है। इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp