Patna : म्यांमार में एक भारतीय युवक को बंधक बनाकर प्रताड़ित करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पटना स्थित दानापुर थाना क्षेत्र के न्यू प्रगति नगर निवासी पूर्व सैनिक उमाशंकर सिंह के 39 वर्षीय पुत्र सचिन कुमार सिंह को एक नेपाली एजेंट ने नौकरी का झांसा देकर म्यांमार पहुंचा दिया और वहां बंधक बना लिया। अब परिजनों से उसकी रिहाई के लिए 5 हजार डॉलर की मांग की जा रही है।
इस संबंध में पीड़ित की मां मीना देवी ने दानापुर थाने में नेपाल निवासी एजेंट धर्मेंद्र चौधरी के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। वहीं दर्ज FIR में दर्शाया गया है कि, 15 जनवरी को उनके बेटे कोलकाता के रास्ते थाईलैंड गया था। वहां एजेंट धर्मेंद्र चौधरी से मुलाकात हुई, जिसने बैंकॉक में नौकरी का लालच देकर कुछ लोगों से मिलवाया और म्यांमार भेज दिया। इसके एवज में 1.5 लाख रुपया भी लिए थे। हालांकि, FIR में ये भी दर्शाया गया है कि म्यांमार में सचिन को 'साई ग्रुप' नामक कंपनी में जबरन बंधक बनाकर रखा गया है। जहां, उसके साथ मारपीट और शारीरिक यातना दी जा रही है। वहीं मोबाइल, पासपोर्ट भी छीन लिया गया है और खाने तक को तरसाया जा रहा है। आपको बता दें कि, बाद में उसे दूसरी कंपनी को बेच दिए गए है। जहां से प्रताड़ना की तस्वीरें भेजकर परिजनों से 5000 डॉलर की फिरौती की मांगी की जा रही है।
सचिन के भाई साहिल कुमार ने बताया कि, सचिन यूट्यूब चैनल चलाता था और घुमने के उद्देश्य से थाईलैंड गया था। वहां दोस्ती के नाम पर एक लड़के ने उसे म्यांमार ले जाकर बंधक बना दिया। उन्होंने बताया कि, पहले ही 1 लाख भेजे जा चुके हैं लेकिन फिर भी उसे रिहा नहीं किया जा रहा है।
सचिन के पिता जो आर्मी के हवलदार से सेवानिवृत्ति है। उन्होंने बताया कि, हमारा बेटा थाईलैंड घूमने गया था। जिसके बाद उसको एक लड़के ने जबरदस्ती उसे म्यांमार में काम करने के बहाने ले गया और बंधक बना लिया है और उसके साथ मारपीट कर रहा है। साथ ही, डॉलर का डिमांड भी कर रहा है। जिसके बाद हमने पैसा भी दिया लेकिन, हमारे बेटा को रिहा नहीं कर रहा है। हमने देश की सेवा किया और हमारे बेटा को कहीं बंधक बना लिया गया है। भारत सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि, हमारे बेटा को सकुशल जल्दी अपने वतन लाने की मदद मांगी है।
हालांकि, इस मामले को लेकर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार भारद्वाज ने बताया कि, मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपी एजेंट धर्मेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विदेश मंत्रालय और सक्षम प्राधिकार को सूचित कर दिया गया है।
दानापुर से पशुपतिनाथ शर्मा की रिपोर्ट