विश्व चैंपियन डी गुकेश को मात देकर ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंद ने बड़ी जीत हासिल कर ली. दरअसल, आर प्रज्ञानानंद ने टाटा स्टील मास्टर्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया. प्रज्ञानानंद की इस जीत से भारतीय खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय शतरंज में अपना दबदबा भी कायम रखा. भारतीय शतरंज का गढ़ बन चुके शहर चेन्नई के 19 वर्षीय प्रज्ञानानंद ने रविवार को यहां टाईब्रेकर में विश्व के तीसरे नंबर के खिलाड़ी 18 वर्षीय गुकेश को 2-1 से हराया. विजेता का चयन करने के लिए टाईब्रेकर का सहारा इसलिए लेना पड़ा, क्योंकि दोनों खिलाड़ी अपने 13वें दौर के मुकाबले हार गए थे जिसके बाद वे 8.5 अंक लेकर बराबरी करते.बता दें कि, जहां गुकेश को अपने साथी भारतीय खिलाड़ी अर्जुन एरिगैसी से हार का सामना करना पड़ा वहीं प्रज्ञानानंद जर्मनी के विंसेंट कीमर से हार गए. प्रज्ञानानंद ने अपनी जीत के बाद टूर्नामेंट की आधिकारिक वेबसाइट से कहा, "मेरे हाथ अब भी कांप रहे हैं. यह कितना रोमांच से भरा दिन था. मेरे पास इसको व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है. मुझे वास्तव में जीत की उम्मीद नहीं थी लेकिन चीजें मेरे अनुकूल होती रही." केवल दो साल की उम्र से शतरंज खेल रहे प्रज्ञानानंद ने कहा कि, “मेरे लिए यह दिन खास है क्योंकि मैंने टूर्नामेंट जीता है. लेकिन निश्चित तौर पर यह तनाव से भरा दिन था."
वहीं, गुकेश ने टाईब्रेकर में पहली बाजी जीतकर बढ़त बनाई लेकिन प्रज्ञानानंद ने इसके बाद शानदार वापसी करके अगली दोनों बाजियां जीत कर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. प्रज्ञानानंद ने कहा कि, " विंसेंट के खिलाफ मैं उस स्तर के आसपास भी नहीं खेल पाया, जिस स्तर पर मैं यहां खेल रहा था. मुझे अर्जुन को कोई उपहार देना चाहिए क्योंकि कई बार मुझे लगा कि गुकेश ने टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन किया." उन्होंने कहा कि, "मैं जीत का लक्ष्य लेकर यहां आया था लेकिन चुनौती काफी कड़ी थी. मैं वास्तव में कल तक इसके बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा था. मैं काफी थक चुका हूं और अब थोड़ा विश्राम करना चाहता हूं."