पटना: राजद विधायक रीतलाल यादव को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने हत्या के एक मामले में बरी किये जाने के आदेश को निरस्त कर दिया है साथ ही फिर से सुनवाई का आदेश दिया है। दरअसल पूर्व भाजपा विधायक आशा सिन्हा उर्फ़ आशा देवी के पति के हत्या मामले में सिविल कोर्ट के एमपी एमएलए कोर्ट ने साल 2023 में रीतलाल यादव को आरोपों से बरी कर दिया था जिसके बाद पूर्व विधायक ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। निचली अदालत के विरुद्ध याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने इसी वर्ष फरवरी महीने में सभी आरोपियों को एक नोटिस भी जारी किया था। अब कोर्ट ने सिविल कोर्ट के एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए दुबारा सुनवाई करने का आदेश दिया है। बता दें कि वर्ष 2003 में 30 अप्रैल को राजधानी पटना के गांधी मैदान में राजद की तरफ से तेल पिलावन, लाठी घुमावन रैली का आयोजन किया गया था। इसी दिन शाम में खगौल के जमालुद्दीन चक के पास पूर्व भाजपा विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। हत्या मामले में राजद विधायक रीतलाल यादव समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया था। मामला लंबे समय से कोर्ट में लंबित था जिसके बाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद स्पीडी ट्रायल के माध्यम से सिविल कोर्ट के एमपी एमएलए कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वर्ष 2023 में सुबूत के अभाव के कारण राजद विधायक रीतलाल यादव समेत अन्य सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।एमपी एमएलए कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध पूर्व भाजपा विधायक आशा सिन्हा ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद अब हाई कोर्ट ने पूर्व के कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए दुबारा सुनवाई का आदेश दिया है।