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RJD विधायक के खिलाफ पार्टी में बगावत, क्षेत्र में घमासान, कैंडिडेट बदलने की मांग...

मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र के RJD विधायक के खिलाफ उनकी ही पार्टी के भीतर बगावती तेवर देखने को मिल रहा हैं। जिससे स्थानीय राजनीति में हड़कंप मच गया है।

RJD Vidhayak ke khilaf party mein bagavat, kshetra mein gham
RJD विधायक के खिलाफ पार्टी में बगावत- फोटो : Darsh News

Muzaffarpur : मुजफ्फरपुर जिले के कांटी विधानसभा क्षेत्र के RJD विधायक के खिलाफ उनकी ही पार्टी के भीतर बगावती तेवर देखने को मिल रहा हैं। जिससे स्थानीय राजनीति में हड़कंप मच गया है। मड़वन प्रखंड के स्थानीय पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने 2020 के चुनाव में जी जान लगाकर विधायक को अपने क्षेत्र से झोली भरकर वोट दिलवाया था। 

वहीं नेता और कार्यकर्ताओं ने विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां तक कहा गया कि, यदि वर्तमान विधायक को पार्टी फिर से टिकट देती हैं पार्टी को सीट गंवाना पड़ेगा। पार्टी के कई कद्दावर नेताओं ने विधायक पर जनता से दूरी बनाने, विकास कार्यों में उदासीनता और मनमानी का आरोप लगाते हुए खुलकर मोर्चा खोल दिया है। इस आंतरिक कलह ने आगामी चुनावों से पहले पार्टी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। असंतुष्ट खेमे का मानना है कि विधायक ने अपने कार्यकाल में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की है, जिससे क्षेत्र में पार्टी की पकड़ कमजोर हुई है। इन नेताओं ने पार्टी आलाकमान से विधायक के टिकट पर पुनर्विचार करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो वे कोई भी कड़ा कदम उठाने से गुरेज नहीं करेंगे। बताया जा रहा है कि, विधायक के खिलाफ असंतोष सिर्फ कुछ नेताओं तक सीमित नहीं है, बल्कि निचले स्तर के कार्यकर्ताओं और आम जनता में भी नाराजगी व्याप्त है। 


पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिलदेव सहनी ने विधायक पर कई गंभीर आरोप लगाया हैं, उनका कहना है कि प्रदेश से सर्वेक्षण के लिए जब टीम आती हैं तो वो विधायक के आवासीय कार्यालय पर बैठक करके चले जाते हैं, उन्हें रोक लिया जाता हैं, पार्टी का जो कार्यक्रम विधानसभा क्षेत्र में होनी चाहिए उसे विधायक अपने आवास पर आयोजित कर के अपने चेहते को बुलाकर सिर्फ खानापूर्ति कर करते है। पूर्व प्रमुख और वरिष्ठ नेता मंगल यादव ने कहा कि लालू यादव और तेजस्वी यादव का संदेश गांव में पहुंचना हैं, जिसे विधायक अपने शहरी आवास पर समेट लेते है। निश्चित रूप से इस बगावत का सीधा असर क्षेत्र के सियासी समीकरणों पर पड़ने की उम्मीद है। कांटी में चुनाव से पहले शुरू हुई यह घमासान आने वाले दिनों में और तेज होने की संभावना है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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