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RJD अब लालू की पार्टी नहीं बल्कि..., टिकट कटने पर पूर्व विधायक ने लगाया टिकट बेचने का आरोप...

RJD से टिकट कटने से नाराज पप्पू खान ने अपनी पत्नी का नामांकन निर्दलीय करवाया है. उन्होंने पार्टी नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाये और टिकट बेचने की बात कही. पप्पू खान ने संजय यादव को भी लपेटे में लिया और कहा...

RJD is no longer Lalu's party, but..
RJD अब लालू की पार्टी नहीं बल्कि..., टिकट कटने पर पूर्व विधायक ने लगाया टिकट बेचने का आरोप...- फोटो : Darsh News

नालंदा: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अब तक सीट बंटवारे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इस बीच टिकट के कई दावेदारों को मनपसंद जगहों से टिकट मिल गया तो कई लोगों का टिकट कट गया। टिकट कटने के बाद कई नेताओं ने चुप्पी साध रखी है तो कुछ नेताओ ने बगावत की राह चुन ली है। इसी कड़ी में बिहारशरीफ विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व विधायक पप्पू खान ने अपनी पत्नी का निर्दलीय ही नामांकन दाखिल करवाया है। नामांकन दाखिल करवाने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए RJD पर कई आरोप लगाये।

मीडिया से बात करते हुए पप्पू खान ने कहा कि अब यह पार्टी लालू यादव की नहीं रह गई बल्कि दलाल और कमीशनखोरों की पार्टी बन गई है। हरियाणा के कॉल सेंटर में काम करने वाले संजय यादव ने पार्टी को हाईजैक कर लिया है और इसे पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुला हुआ है। पप्पू खान ने कहा कि RJD में तीन तीन करोड़ रूपये लेकर टिकट बेचा गया है। बिहारशरीफ से RJD ने जिस व्यक्ति को अपना उम्मीदवार बनाया है वह स्थानीय नहीं है बल्कि वह गया जी का रहने वाला है और दिल्ली में रहता है। गया जी में वह बालू का अवैध धंधा और जमीन पर कब्ज़ा करने का काम करता है, फिर भी पार्टी ने उसे उम्मीदवार बनाया है। पप्पू खान ने आरोप लगाया कि उमैर खान ने बालू माफियागिरी और जमीन कब्जा करने से अर्जित कमाई से तीन करोड़ रूपये दे कर टिकट खरीदी है।

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पप्पू खान ने RJD नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अब वे इस पार्टी में कभी भी वापस नहीं आयेंगे क्योंकि यह पार्टी अब लालू यादव की नहीं बल्कि दलालों की पार्टी बन कर रह गई है। बता दें कि पप्पू खान 2000 के विधानसभा चुनाव में RJD की टिकट पर पहली बार विधायक बने थे लकिन उसके बाद एक हत्या मामले में वे 7 वर्षों के लिए जेल चले गए। इसके बाद उनकी पत्नी आफरीन सुल्ताना ने दो बार RJD की टिकट पर चुनाव लड़ा, निर्दलीय भी चुनाव लड़ा लेकिन हर बार उन्हें हार ही मिली। इस बार भी वे RJD से टिकट मिलने की आस में थे लेकिन पार्टी ने उमैर खान को अपना उम्मीदवार बनाया है जिसके बाद वे पार्टी से नाराज हो गए और अपनी पत्नी को निर्दलीय ही मैदान में उतार दिया है।

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