पटना: बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को नया आवास बदलने के लिए भवन निर्माण विभाग की तरफ से जारी नोटिस और बीते दिनों रात के अँधेरे में राबड़ी आवास से पिकअप वाहन से फूल के गमले निकाले गए जिसके बाद बिहार में एक बार फिर राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ जदयू ने भवन निर्माण विभाग से राबड़ी आवास में विभाग की तरफ से दिए गए सामान की जांच कर सूची जारी करने की मांग की तो अब राजद ने भी NDA के कई नेताओं के आवास पर सवाल खड़ा किया है।
बीते दिन राजद की तरफ से एक पत्र बिहार सरकार के नाम से लिखा गया जिसमें यह लिखा गया है कि सांसद बन जाने के बावजूद राज्यसभा सांसद संजय झा, लोकसभा सांसद देवेशचंद्र ठाकुर और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी किस हक़ से पटना में सरकारी आवास में रह रहे हैं। सरकार ने इन लोगों से अब तक आवास खाली क्यों नहीं करवाया। राजद के इस पत्र पर लोकसभा सांसद देवेशचंद्र ठाकुर बुरी तरह से भड़क गए हैं और वह राजद के उस व्यक्ति को कोर्ट में घसीटने तक की बात कह दी जिसने यह पत्र जारी किया है।
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मीडिया से बात करते हुए सांसद देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सच्चा सिपाही हूँ और मुझे एक पैसे का लोभ नहीं है। जब मैं सांसद बना था उसी वक्त मैंने भवन निर्माण विभाग को पत्र लिख कर इस मामले की जानकारी दी थी जिसके बाद मुझे विभाग की तरफ से पत्र प्राप्त हुआ जिसमें किराया और बिजली बिल देने की बात कही गई थी। मैंने एक एक पैसा जोड़ कर जमा कर दिया है और अभी भी मेरे ऊपर एक भी पैसा बकाया नहीं है। मैं किसी भी तरह से नियम के विरुद्ध सरकार आवास में नहीं हूँ और जिस वक्त सरकार का आदेश आ जायेगा, मैं आवास खाली करने के लिए तैयार हूँ।
देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि यह संभव है कि राजद के कुछ लोग अपने आलाकमान को खुश करने के लिए यह पत्र लिखे होंगे लेकिन इस मामले में मैं उन्हें कोर्ट तक ले कर जाऊंगा। जब तक ऐसे लोगों को मानहानि के मामले में कोर्ट तक नहीं ले जाया जायेगा ये लोग सुधरने वाले में से नहीं हैं। जब किसी बात की जानकारी नहीं है तो फिर बेवजह की राजनीति कर किसी के सम्मान को ठेस पहुँचाने का हक किसने दे दिया है।
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