Patna : बिहार में रोड कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 जून को बहुप्रतीक्षित कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन पुल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। अब यह इलाका आजादी के 76 साल बाद राजधानी पटना से सीधे कनेक्ट हो जाएगा। एनएच-31 से राघोपुर तक का हिस्सा पूरी तरह बनकर तैयार है और इसका लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों होगा।
राघोपुर दियारा के लिए 23 जून ऐतिहासिक दिन
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि राघोपुर दियारा के लोगों के लिए यह दिन ऐतिहासिक होगा। इस इलाके के लोग दशकों से पीपा पुल और नावों के पटना से कनेक्ट थे। अब उन्हें स्थायी सड़क संपर्क मिलने जा रहा है। यह पुल अब राघोपुर को महज 5 मिनट में पटना से जोड़ देगा।
अत्याधुनिक तकनीक का अद्भुत उदाहरण
19 किलोमीटर लंबी इस परियोजना का सबसे खास हिस्सा है 9.76 किलोमीटर लंबा एक्स्ट्रा डोज केबल स्टे ब्रिज, जो गंगा नदी पर बनाया गया है। इसकी चौड़ाई 32 मीटर है और यह पुल 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
इस्तेमाल की गई तकनीक है बेहद खास
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि यह तकनीक देश के गिने-चुने पुलों में ही इस्तेमाल की गई है, जिसमें केबल्स को डेक के नीचे एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक विशेष ढंग से जोड़ा गया है। इससे इसकी मजबूती कहीं अधिक हो जाती है।
विकास की मुख्यधारा से जुड़ेगा राघोपुर
अब तक मानसून में पीपा पुल हटा दिया जाता था। तब राघोपुर पटना से कट जाता था। लेकिन इस स्थायी पुल के तैयार होने से दियारा के लोग सालभर आवागमन कर सकेंगे। इसके साथ ही, राघोपुर की मुख्य सड़क (पंसरिया चौक) को जोड़ने के लिए 17 करोड़ रूपये की लागत से संपर्क पथ का निर्माण भी जल्द शुरू होगा। इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा नया बल
इस परियोजना से न सिर्फ स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी बल्कि इस क्षेत्र में व्यापार, परिवहन और निवेश के नए रस्ते भी बनेंगे। दियारा क्षेत्र अब विकास की मुख्यधारा से जोड़ जाएगा और लोगों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार आएगा।
गांधी सेतु पर दबाव होगा कम
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने जानकारी दी कि पुल के चालू होने से महात्मा गांधी सेतु पर यातायात का दबाव कम होगा। इसके साथ ही, पटना, राघोपुर और बिदुपुर के बीच एक तेज़, सुरक्षित और सड़क उपलब्ध हो जाएगी। नीतीश सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक बिहार के किसी भी कोने से राजधानी पटना को साढ़े तीन घंटे में जोड़ा जाए, और यह पुल इस लक्ष्य को पूरा करने दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वित्तीय निवेश और निर्माण लागत
इस पूरी परियोजना पर लगभग 5000 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है, जिसमें से 3000 करोड़ रुपये एशियन डेवलपमेंट बैंक से ऋण के रूप में प्राप्त हुए हैं और 2000 करोड़ रुपये राज्य सरकार की ओर से खर्च किए गए हैं।
पथ निर्माण मंत्री का संदेश
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुल नीतीश कुमार की दूरदर्शी सोच का नतीजा है। यह महज एक पुल नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए सामाजिक और आर्थिक बदलाव की आधारशिला है। उन्होंने राघोपुर की जनता को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए बधाई दी।