Patna :- बिहार विधानसभा चुनाव में अभी करीब 6 महीना बाकी है लेकिन सत्ताधारी और विपक्षी गठबंधन की सभी पार्टियों द्वारा अपने स्तर से तैयारी कर रही है. महागठबंधन की अहम सहयोगी कांग्रेस एकजुट होकर सत्ताधारी गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कह रही है वहीं वह अपने स्तर से इस बार पार्टी को मजबूत करने और ज्यादा से ज्यादा सीटों पर दावेदारी करने को लेकर लगातार मेहनत कर रही है, और इसको लेकर वैसे नेताओं को दरजीह दे रही है, जिसे राजद और लालू परिवार पसंद नहीं करता है. इसमें से एक नाम बेगूसराय के रहने वाले कन्हैया कुमार का है, जिन्हें कांग्रेस आलाकमान ने यात्रा के जरिए बिहार में प्रमुख जिम्मेवारी दी है, और उनका हौसला बढ़ाने एवं बिहार चुनाव में कांग्रेस की तरफ से प्रमुख चेहरा घोषित करने के लिए लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी खुद बेगूसराय आ रहे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार राहुल गांधी 7 अप्रैल को बेगूसराय पहुंच रहे हैं. वे कन्हैया कुमार की पलायन रूप को नौकरी दो पदयात्रा में शामिल होंगे. राहुल गांधी के साथ ही कांग्रेस के कई बड़े नेता इस पदयात्रा में शिरकत करेंगे. इस यात्रा को लेकर कांग्रेस की तरफ से बेगूसराय में बड़ी तैयारी की जा रही है. जगह-जगह होर्डिंग और बैनर पोस्टर लगाया जा रहे हैं. इस बैनर पोस्टर से लग रहा है कि कांग्रेस कन्हैया कुमार को बिहार में लॉन्च करने जा रही है. एक होर्डिंग में लिखा हुआ है हमारा संकल्प जन्मभूमि को कर्मभूमि में बदलना है. बताते चलें कि कन्हैया कुमार बेगूसराय के बीहट के रहने वाले हैं, पर वे ज्यादातर समय दिल्ली में ही रहे हैं. जेएनयू छात्र संघ के रूप में हुई चर्चा में आए थे. उस समय वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(CPI) से जुड़े हुए थे, और 2019 में बेगूसराय से कम्युनिस्ट पार्टी के टिकट पर गिरिराज सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था, 2019 में राजद ने उनके खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारा था. बाद में कन्हैया कुमार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए और राहुल गांधी की टीम के खास सदस्य के रूप में वे लगातार पार्टी की मजबूती के लिए काम कर रहे हैं.
2024 के लोकसभा में कन्हैया कुमार बेगूसराय से चुनाव लड़ना चाह रहे थे लेकिन राजद की तरफ से यह सीट कांग्रेस के बजाय भारतीय कांग्रेस पार्टी को दे दी गई, जिसकी वजह से कन्हैया कुमार बिहार के बजाय दिल्ली में लोकसभा का चुनाव लड़ा और वहां वे हार गए. ऐसा माना जाता है कि लालू परिवार ने कन्हैया कुमार और पप्पू यादव को बिहार की राजनीति से दूर रखने के लिए काफी मेहनत की थी, उसे समय कांग्रेस वाला कमान राजद के दबाव को सह लिया था, पर अब कांग्रेस राजद के दबाव में नहीं आने की रणनीति पर काम कर रही है यही वजह है कि पहले बिहार के प्रभारी को बदलकर कृष्णा अल्लारु को जिम्मेवारी दी गई, जो पहले दिन से ही पार्टी को बिहार में मजबूत करने को लेकर कई कदम उठा रहे हैं और उन्होंने स्पष्ट घोषणा की है कि वह अब बिहार में किसी गठबंधन में B टीम की तरह नहीं बल्कि A टीम की तरह काम करेंगी. इसके बाद पार्टी ने लालू परिवार के नजदीकी माने जाने वाले अखिलेश प्रसाद सिंह को कांग्रेस के बिहार अध्यक्ष पद से हटा दिया और राजेश राम को जिम्मेवारी दी है, वही जिस कन्हैया कुमार को लालू परिवार बिहार की राजनीति से दूर रखना चाहता है उस कन्हैया कुमार को कांग्रेस अब बिहार में लॉन्च कर रही है और ऐसी संभावना है कि विधानसभा चुनाव में बेगूसराय सीट से कन्हैया कुमार को चुनाव लड़ने का मौका दिया जाएगा, बेगूसराय सीट से पिछले कई चुनाव से कांग्रेस से ही मैदान में उतरती रही है और यहां से जीत भी दर्ज कर चुकी है. वहीं कांग्रेस की रणनीति को लेकर राजद अभी तक वेट एंड वॉच की स्थिति में है.