Patna :- कन्हैया कुमार के बहाने कांग्रेस बिहार में सवर्ण वोटरों को अपने साथ जोड़ने के लिए फिर से प्रयास कर रही है और इसके लिए राहुल गांधी खुद कन्हैया कुमार के 'पलायन रोको नौकरी दो यात्रा' में शामिल हो रहे हैं. वे राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की धरती बेगूसराय में इस यात्रा में शामिल होंगे. राहुल गांधी की यात्रा को लेकर बेगूसराय में पूरी तैयारी की गई है और जगह-जगह होर्डिंग बैनर एवं पोस्टर लगाए गए हैं. कन्हैया कुमार के नेतृत्व में चल रहे इस यात्रा में राहुल गांधी के शामिल होने का फैसला सवर्ण वोटरों को अपने साथ फिर से जोड़ने की रणनीति है. राहुल गांधी कन्हैया कुमार के साथ करीब 2 किलोमीटर की यात्रा बेगूसराय में करेंगे. यात्रा में शामिल होने से पहले राहुल गांधी ने एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अपने समर्थक कुमार कार्यकर्ताओं से वाइट शर्ट में आने का आह्वान किया है-
बताते चलें कि बीजेपी के सहयोग से 1990 में लालू प्रसाद यादव ने बिहार में सरकार बनाई थी और उस समय कांग्रेस विरोध इन दलों का मुख्य एजेंडा था, लेकिन 1995 के बाद कांग्रेस पार्टी ने बिहार की राबड़ी देवी और केंद्र की संयुक्त मोर्चा की सरकार को समर्थन दिया था जिसकी वजह से सवर्ण वोट कांग्रेस से धीरे-धीरे छिटक गई. अभी भी माना जाता है कि लालू यादव के पुराने बयान भूरा बाल साफ करो के नारे की वजह से सवर्ण वोट आरजेडी को नहीं मिलता है, लेकिन कांग्रेस इस वोट को वापस पाने के लिए लालू परिवार के नहीं चाहते हुए भी कन्हैया कुमार को आगे कर रही है. अगर इस बहाने सवर्ण वोट कांग्रेस से जुड़ती है और आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजद गठबंधन को वोट करती है तो फिर इसका फायदा पूरे गठबंधन को मिल सकता है.
वहीं बिहार की 85 फीसदी दलित ओबीसी अल्पसंख्यक को भी अपने साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए आज पटना में संविधान सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसमें राहुल गांधी शामिल होंगे. इससे पहले भी संविधान की सुरक्षा के मुद्दे पर राहुल गांधी बिहार में कई कार्यक्रम में शामिल हो चुके हैं. अब देखना है कि आज के उनके बिहार दौरे का किस रूप में यहां की राजनीति पर असर पड़ता है.