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रामपुर हरि थाने के थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा पर CJM कोर्ट में मुकदमा दर्ज!

मुजफ्फरपुर जिले के रामपुर हरि थाना के थानाध्यक्ष के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट मुजफ्फरपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा विशुनदेव नारायण सिंह इंटर महाविद्यालय, नरमा, मुजफ्फरपुर में लेखापाल के पद पर कार्यरत विशाल कुमार के द्वारा दर्ज कराया गया है।

Rampur Hari Thane ke Thanadhayksh Sujit Mishra par CJM court
थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा पर CJM कोर्ट में मुकदमा दर्ज- फोटो : Darsh News

Muzaffarpur : मुजफ्फरपुर जिले के रामपुर हरि थाना के थानाध्यक्ष के विरुद्ध सीजेएम कोर्ट मुजफ्फरपुर में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा विशुनदेव नारायण सिंह इंटर महाविद्यालय, नरमा, मुजफ्फरपुर में लेखापाल के पद पर कार्यरत विशाल कुमार के द्वारा दर्ज कराया गया है। शिकायतकर्त्ता द्वारा थानाध्यक्ष पर मारपीट, गाली-गलौज जैसे कई गंभीर आरोप लगाये गये है। पूरा मामला यह है कि विशुनदेव नारायण सिंह इंटर महाविद्यालय, नरमा, मुजफ्फरपुर में लेखापाल के पद पर कार्यरत विशाल कुमार के साथ दिनांक 8 जुलाई 2025 को रुपये बैंक में लेकर जाने के दौरान अपराधियों के द्वारा लूट-पाट की गई। पीड़ित विशाल कुमार ने बताया कि अपराधियों द्वारा उनसे कुल 2,11,200 (दो लाख ग्यारह हजार दो सौ) रुपये की लूट की गई। इसकी शिकायत दर्ज कराने जब विशाल कुमार रामपुर हरि थाना पहुंचे, तो थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा उनके आवेदन के आलोक में कार्रवाई करने के बजाये उन्हें ही बेरहमी से मारने व पीटने लगे और थाना में बंद कर दिया। थाना में उनके साथ काफी गाली गलौज व बेरहमी से मारपीट की गई। थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा द्वारा पीड़ित का मोबाइल भी छीन लिया गया और उन्हें नजरबंद कर दिया गया। पीड़ित ने बताया कि थानाध्यक्ष सुजीत मिश्रा द्वारा उन पर लगातार यह दबाव बनाया जा रहा था कि पीड़ित यह स्वीकार करें कि उसी ने स्वयं पैसे को लुटा है। नहीं मानने पर थानाध्यक्ष द्वारा लगातार उनके साथ मारपीट की गई और रात्रि के करीब 10:30 बजे थाना से मारपीट कर व अधमरा कर थाना परिसर के बाहर फेंक दिया गया। अगले दिन उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए परिजनों द्वारा उन्हें सदर अस्पताल, मुजफ्फरपुर में भर्ती कराया गया, जहां वर्तमान में उनका ईलाज चल रहा है। मामले को लेकर पीड़ित विशाल कुमार ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सीजेएम कोर्ट मुजफ्फरपुर में मुकदमा दर्ज कराया है। अधिवक्ता ने बताया कि यह घटना मुजफ्फरपुर पुलिस की स्याह छवि को दर्शाती है और जिले की भ्रष्ट प्रशासनिक व्यवस्था को भी उजागर करती है। मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

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