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छात्रा से छेड़खानी मामले में रांची पुलिस की बड़ी कार्रवाई, महिला थानेदार समेत पांच पुलिसकर्मी निलंबित

Ranchi police took a big action in the case of molestation o

Ranchi - मामले को गंभीरता से नहीं लेने और कार्य में लापरवाही को लेकर रांची मे पुलिसकर्मियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद महिला थाना अध्यक्ष और कोतवाली थाना के चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई रांची के एसएसपी और आईजी ने की है.

 यह कार्रवाई रांची जिले के अपर बाजार स्थित कन्या विद्यालय की छात्राओं के साथ छेड़खानी मामले में लापरवाही भारत ने को लेकर हुई है. रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने रांची की महिला थाना प्रभारी पिंकी साव को निलंबित कर दिया. इसके अलावा कोतवाली थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर रंजीत कुमार सिन्हा के निलंबन व विभागीय कार्यवाही के लिए डीआइजी अनूप बिरथरे से अनुशंसा की है.वहीं आइजी अखिलेश झा ने चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इनमें कोतवाली थाना के एएसआइ सनातन हेम्ब्रम व मुंशी अविनाश कुमार के अलावा महिला थाना की एएसआइ उषा कुमारी और वहां की थाना स्टाफ उर्मिला कोरबा शामिल हैं. 

 बताते चलें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद  छात्राओं से छेड़खानी और प्राचार्य की शिकायत पर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करने के मामले की आइजी अखिलेश झा ने जांच पड़ताल की थी.इस जांच के दौरान यह पाया कि 7 दिसंबर को कन्या विद्यालय की प्राचार्या छात्रों के साथ छेड़खानी की शिकायत करने और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर सुबह 7 बजे महिला थाना गयी थीं. लेकिन कहां पर है पुलिस अधिकारियों ने प्राचार्या को बताया कि महिला थाना में सिर्फ पति-पत्नी के मामलों का निबटारा होता है. इसके बाद आवेदन पर महिला थाना की जगह संबंधित महिला पुलिसकर्मी द्वारा कोतवाली थाना लिख दिया गया. फिर प्राचार्या से कहा गया कि आप कोतवाली थाना जाकर आवेदन दें. वहीं से कार्रवाई होगी. इसके बाद प्राचार्या सात दिसंबर को ही सुबह करीब 10:30 बजे कोतवाली थाना पहुंचीं. उन्होंने वहां पर ओडी इंचार्ज को आवेदन दिया. आवेदन लेकर उन्होंने मुंशी को दे दिया. इसके बाद आवेदन की प्रति के पीछे एक मोबाइल नंबर लिखकर प्राचार्या को यह कहते हुए दे दिया गया कि आप इस मामले में फोन कर पूछते रहियेगा. साथ ही दोनों थाना के कनीय पुलिसकर्मियों ने अपने सीनियर अफसर को मामले की कोई जानकारी नहीं दी. दोनों ही थानों के कर्मियों द्वारा प्राचार्या की गंभीर शिकायत को हल्के में लिया और प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की गयी. इसलिए इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.



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