बिहार राज्य विद्यालय रसोइया संघ (ऐक्टू) के आह्वान पर बुधवार को सैंकड़ो रसोइयों ने एमडीएम से एनजीओ को बाहर करने,विद्यालय बंदी में रसोइयों से काम लेना बंद करने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने ,मानदेय 1650 रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपया करने तथा साल का 10 नहीं 12 माह का मानदेय देने आदि प्रमुख मांग सहित 11 सूत्री मांग को लेकर आज पटना जिलाधिकारी के समक्ष कारगिल चौक पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया।कारगिल चौक व बुद्ध स्मृति पार्क के समक्ष संघ महासचिव सरोज चौबे की अध्यक्षता में हुई सभा को स्कीम वर्कर्स फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव -सह-एमलसी शशि यादव, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार, संघ महासचिव सरोज चौबे ने प्रमुख रूप से तथा अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
शशि यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि चुनावी वर्ष में सीएम 226 करोड़ की कर रहे है यात्रा और गरीब -दलित -अति पिछड़ा- पिछड़ा समुदाय से आने वाली रसोइया 45 रु० रोज पर कर रही है मजदूरी ,उन्होंने कहा कि नीतीश राज की यही उपलब्धि है इस सूरतेहाल को रसोइयों को हर हाल में बदलने के लिए तैयार रहना होगा।
संघ नेत्री सरोज चौबे ने विद्यालय बंदी में रसोइयों से काम लेना बंद करने की मांग करते हुए एमडीएम को एनजीओ के हवाले करने को नीतीश सरकार द्वारा रसोइयों के अधिकार और मानदेय का कानूनी लूट करार दिया , साथ ही मोदी- नीतीश सरकार पर एमडीएम का निजीकरण का आरोप लगाया,उन्होंने एमडीएम से एनजीओ को बाहर करने, मानदेय 1650 रूपये से बढ़ाकर 10,000 रूपया करने तथा साल का 10 नहीं 12 माह का मानदेय देने सहित 11 सूत्री मांग पूरा करने की मांग उठाया।
ऐक्टू नेता रणविजय कुमार ने डबल इंजन भाजपा - नीतीश राज में महिला रसोइया के श्रम के लूट का बड़ा उदाहरण बताया,कहा कि पिछले 10 साल में मोदी तथा 5 वर्ष में नीतीश सरकार ने रसोइयों के मानदेय में एक रुपए की भी वृद्धि नहीं किया है। उन्होंने रसोइयों को महिला श्रम के अधिकारियों व वेतन लूट का बड़ा उदाहरण की बात दुहराया।
बुद्ध स्मृति पार्क से प्रदर्शन सरोज चौबे,शशि यादव,रणविजय कुमार,ऐक्टू नेता जितेंद्र कुमार के अलावे संघ नेत्री मीना देवी,अनुराधा देवी, रिंकू देवी,राखी मेहता के नेतृत्व में निकला जो डाकबंगक होते हुए कारगिल चौक स्थित डीएम कार्यालय पहुचा। डीएम ने कल 9 जनवरी को मांगों पर वार्ता करने का समय निर्धारित किया।