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अगर बैंक अकाउंट किराये पर दिया तो, साइबर फ्रॉड में फंसोगे और होगी जेल।

EOU ने चेतावनी दी है कि बैंक अकाउंट किराये पर देना या ओटीपी-पासबुक साझा करना साइबर अपराध है। ऐसा करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी और जेल भी जा सकते हैं।

Rent out your bank account? If you do, you could be accused
अगर बैंक अकाउंट किराये पर दिया तो, साइबर फ्रॉड में फंसोगे और होगी जेल।- फोटो : Darsh News

पटना: आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने लोगों को सचेत किया है कि यदि कोई भी व्यक्ति अपना बैंक अकाउंट किराये पर चला रहा है या किसी अन्य को अकाउंट से जुड़ी संवेदनशील जानकारी दे रहा है, तो वह सीधे साइबर अपराध के दायरे में आएगा और जेल भी जा सकता है। EOU के  SP विनय तिवारी और DIG मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हाल के महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोग लालच और प्रलोभन में आकर अपने बैंक अकाउंट, पासबुक, लॉगिन आईडी और ओटीपी तक दूसरों को सौंप देते हैं। अधिकारी ने कहा कि— “ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि आपका अकाउंट कोई और संचालित करे। ऐसा करना गलत है और खाते का उपयोग अपराध में होने पर आप भी आरोपी माने जाएंगे।”

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EOU के मुताबिक, साइबर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग में बैंक अकाउंट रेंटिंग की भूमिका लगातार बढ़ रही है। अपराधी गैंग बेरोजगार युवाओं और जरूरतमंद लोगों को मामूली रकम का लालच देकर उनके अकाउंट का उपयोग ठगी में करते हैं। कई मामलों में खाता धारकों को मुनाफा भी मिलता है, इसलिए वे आरोपी की श्रेणी में आते हैं। हांलाकि, अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन खातों से किसी तरह का आर्थिक लाभ नहीं मिला है, उनके मामले की अलग से जांच होगी। हर राज्य में ऐसे मामलों के लिए शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त हैं, जिनकी रिपोर्ट के आधार पर खाता धारक को राहत मिल सकती है। EOU ने आम लोगों से अपील की है कि किसी के दबाव, बहकावे या भरोसे में अपने बैंक से जुड़ी जानकारी साझा न करें। ऐसा करने से आप साइबर अपराधियों की जाल में फंस सकते हैं और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

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