गया जी: गया जी जिले में भूमि संबंधी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टिकारी अंचल के राजस्व कर्मचारी रंजन पासवान को निलंबित कर दिया है। जिलाधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई ने राजस्व विभाग में हड़कंप मचा दिया है। प्रशासनिक जांच में कर्मचारी द्वारा दाखिल-खारिज से संबंधित मामलों में गंभीर अनियमितताओं की पुष्टि हुई, जिसके बाद तत्काल प्रभाव से निलंबन और विभागीय कार्यवाही दोनों शुरू कर दी गई हैं। जांच रिपोर्ट के अनुसार, रंजन पासवान ने राजस्व विभाग के महत्वपूर्ण फर्स्ट कम फर्स्ट आउट (FIFO) नियम का पालन नहीं किया। यह नियम आवेदनों के निपटारे में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करता है। लेकिन कर्मचारी द्वारा कई आवेदनों को क्रम से हटकर निपटाया गया तथा कुछ मामलों में अनावश्यक देरी की गई।
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इसी दौरान यह भी सामने आया कि उन्होंने अनेक आवेदनों को 75 दिनों से अधिक समय तक बिना किसी उचित कारण के लंबित रखा। इस लापरवाही के कारण आम जनता को अपनी जमीन से जुड़े कार्य में बार-बार कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ा और अनावश्यक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने कहा कि राजस्व कार्यों में लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने दो-टूक शब्दों में कहा कि जिला प्रशासन जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्य कर रहा है, और जमीन से जुड़े मामलों में जनता को परेशानी देना एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। डीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा बिना कारण आवेदनों को लंबित रखने या जनता का शोषण करने की शिकायत प्राप्त होती है, तो जांच के बाद सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने सभी अंचलाधिकारी और राजस्व कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे समयसीमा के भीतर कार्यों को निष्पादित करें और पारदर्शिता बनाए रखें। गया प्रशासन की इस कार्रवाई से यह संदेश स्पष्ट है कि जिले में प्रशासनिक जवाबदेही और ईमानदारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और किसी भी तरह की लापरवाही पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
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