पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के बाद लालू परिवार में घमासान मचा हुआ है। चुनाव से पहले लालू यादव ने खुद ही अपने बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से बाहर निकाल दिया तो दूसरी तरफ उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने चुनाव में मिली हार के बाद परिवार और राजनीति से किनारा कर लिया। इसके बाद उनकी बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पोस्ट कर सीएम नीतीश कुमार से मायके में बेटियों के मान सम्मान सुरक्षा की मांग की।
रोहिणी आचार्य का यह पोस्ट बिहार में सियासी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री दिलीप जायसवाल ने लालू परिवार पर निशाना साधा और कहा कि रोहिणी को अगर न्याय मांगना ही है तो वह अपने माता पिता से मांगें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी के पारिवारिक मामलों में दखल नहीं देते हैं ऐसे में रोहिणी को अपने माता पिता के पास अपनी फरियाद रखनी चाहिए।
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वहीं दूसरी तरफ मंत्री रामकृपाल यादव ने रोहिणी की मांग पर कहा कि यह उनका आंतरिक मामला है और लालू जी को खुद ही सुलझाना चाहिए। इस मामले में मैं क्या ही कह सकता हूँ। एक बेटी मां बाप के सामने बैठ कर घर में रोये इससे अधिक चिंताजनक और क्या हो सकता है। लालू जी को इस पूरे मामले को देखना चाहिए और रोहिणी के विषय में बात करनी चाहिए।
बता दें कि रोहिणी आचार्य ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा था कि 'प्रत्येक बेटी को इस आश्वासन के साथ बड़े होने का अधिकार है कि उसका मायका एक ऐसा सुरक्षित स्थान है, जहां वह बिना किसी डर, अपराधबोध, शर्म या किसी को कोई स्पष्टीकरण दिए बिना लौट सकती है। इस उपाय को लागू करना केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं है, बल्कि अनगिनत महिलाओं को भविष्य में होने वाले शोषण और उत्पीड़न से बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
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