पटना: राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिसद द्वारा राज्य के कक्षा 6 से 8 के गणित एवं विज्ञान के नामित शिक्षकों के लिए 5-दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न किया गया। 17 नवंबर से 5 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित तीन चरणों में लगभग 12,000 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया, जो बिहार के सभी जिलों से शामिल हुए थे।
यह क्षमता-विकास कार्यक्रम विज्ञान एवं गणित में प्रोजेक्ट-बेस्ड लर्निंग आधारित शिक्षण–शास्त्र को विकसित करने के प्रयास पर केंद्रित है, जो अनुभवात्मक एवं जिज्ञासा-आधारित कक्षा प्रथाओं को बढ़ावा देता है। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों ने समझा कि PBL किस प्रकार अनुभवात्मक सीखने पर जोर देता है, प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों ने समझा कि PBL किस प्रकार अनुभवात्मक सीखने पर जोर देता है। उन्होंने यह भी जाना कि NEP 2020 सीखने में आवश्यक सुधारों और कौशल-आधारित शिक्षा पर बल देती है, जबकि PARAKH जैसी मूल्यांकन संस्थाएँ सीखने की खाइयों की पहचान करने में सहायता करती हैं और इन खाइयों को PBL प्रभावी ढंग से पाट सकता है।
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प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों ने पाठ-आधारित प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग की पाठ योजनाओं को समझा और यह भी जाना कि इन योजनाओं के आधार पर वे आगामी 5 दिनों तक बच्चों के साथ किस प्रकार गतिविधियों और अन्वेषण-आधारित कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, शिक्षकों को लैंगिक संवेदनशीलता, ICT एकीकरण एवं STEM शिक्षा पर भी सत्र प्रदान किए गए, जिससे उनकी समग्र शैक्षिक समझ और गहरी हुई।
मंत्रा सोशल सर्विसेस टीम ने प्रशिक्षण के दौरान अधिकांश TEIs का भ्रमण किया। उनके अवलोकन निम्नलिखित थे: सभी सत्र प्रशिक्षण मॉड्यूल के अनुरूप बेहद अच्छी तरह संरेखित थे। TEIs में समृद्ध हैंड्स-ऑन गतिविधियाँ आयोजित की गई थीं। प्रतिभागी शिक्षक समूह कार्य व सहयोगात्मक गतिविधियों में सक्रिय रूप से संलग्न थे, जिससे उनकी उत्साहपूर्ण भागीदारी दिखाई दी। प्रशिक्षकों ने PBL दृष्टिकोण को प्रभावी ढंग से अपनाया, जिससे शिक्षकों के लिए अर्थपूर्ण शिक्षण अनुभव सुनिश्चित हुआ।
मंत्रा सोशल सर्विसेस टीम द्वारा प्रशिक्षण मॉड्यूल के विकास में, राज्य स्तर पर ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स (ToT) आयोजित करने, प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्र भ्रमण के द्वारा प्रक्रियाओं को और बेहतर बनाने में एवं प्रशिक्षण की प्रभावशीलता और परिणामों का विश्लेषण करने में सहयोग किया है। यह राज्यव्यापी पहल सुनिश्चित करती है कि शिक्षक न केवल PBL को समझें, बल्कि स्वयं उसे अनुभव भी करें, जिससे वे अपनी कक्षाओं में सार्थक, रोचक एवं जिज्ञासा-आधारित शिक्षण ला सकें। परिणामस्वरूप, छात्रों के सीखने के अनुभव अधिक समृद्ध, गहरे और आनंदमय होंगे, तथा उनकी अवधारणात्मक समझ और समस्या-समाधान क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
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