Bakhtiyarpur:-एसटीएफ के एस आई मुकुंद मुरारी का पार्थिव शरीर पटना जिला के बख्तियारपुर पहुंचा, जिसके बाद पुलिस प्रशासन और हज़ारों लोगों की मौजूदगी में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.
बताते चलें कि पटना जिले के बख्तियारपुर गांव के निवासी मुकुंद मुरारी बिहार पुलिस के एसटीएफ के एस आई (दारोगा) थे । जो कि एक कुख्यात अपराधी को पकड़ने के लिए गुजरात जा रहे थे इसी बीच मध्य प्रदेश के रतलाम के एट लेन के सड़क मार्ग पर हादसा हो गया ।इस दौरान सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। उनके पार्थिव शरीर को पटना जिला अंतर्गत उनके पैतृक आवास बख्तियारपुर पहुंचते ही पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन की टीम पहुंचकर उनके पार्थिव शरीर को सलामी दी और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई और श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
उनके पार्थिव शरीर पहुंचते हीं बख्तियारपुर के लोगों ने वीर मुकुंद मुरारी अमर रहे अमर रहे,जब तक सूरज चांद रहेगा,मुकुंद मुरारी तेरा नाम रहेगा के नारे से गुंजायमान कर दिया। उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में राजद विधायक अनिरुद्ध कुमार यादव,पूर्व विधायक रणविजय सिंह उर्फ़ लल्लू मुखिया, नगर परिषद बख्तियारपुर के सभापति पवन कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बाढ़ - 2 अभिषेक सिंह ,बख्तियारपुर थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा,समेत थाना के सभी कर्मी साथ हीं एस टी एफ से आये हुए अधिकारी और कर्मी ने उनके पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण कर अंतिम विदाई दी।
इस दुख की घड़ी में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि बिहार पुलिस में तैनात थे और एसटीएफ के स्पेशल टास्क फोर्स में कार्यरत थे जो की अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए जा रहे थे, तभी MP के रतलाम में दुर्घटना के शिकार हो गए और उनकी मौत हो गई।पुलिस विभाग के बहादुर पदाधिकारी थे और उनके अंतिम विदाई हम लोग राजकीय सम्मान के साथ दिए है। इस दुख की घड़ी में हम लोग पूरा पुलिस प्रशासन जिला प्रशासन शहीद मुकुंद मुरारी के परिजनों के साथ है और जो भी आवश्यकता होगी उन्हें पूरा करने के लिए हम लोग प्रयासरत हैं।
वही विधायक अनिरुद्ध कुमार यादव ने भी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए हर संभव मदद की बात कहा।पूर्व विधायक रणविजय सिंह उर्फ़ लल्लू मुखिया ने भी हर संभव मदद की बात कहा।उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के बख्तियारपुर की जनता उमड़ पड़ी और सड़कों पर आ गयी।
उनका अंतिम संस्कार घोसबरी स्थित गंगा घाट पर संपन्न हुआ, उनके बड़े भाई मणि भूषण ने मुखाग्नि दिया।इनके अंतिम दर्शन के वक्त सभी की आँखे नम थी.
रिपोर्ट - गौरी शंकर प्रसाद