Desk News : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की गहमागहमी के बीच बड़ी खबर आ रही है। सूत्रों की मानें तो NDA में सीटों का बंटवारा फाइनल हो गया है। कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी, ये अब पक्का हो चुका है। पिछले कई दिनों से चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा अपनी-अपनी ताकत दिखाकर ज्यादा से ज्यादा सीटें झटकने की जुगत में थे। लेकिन अब तस्वीर साफ है।
2025 का NDA सीट बंटवारा: कौन कितनी सीटें लड़ेगा ?
सूत्रों के हिसाब से बिहार की 243 सीटों के लिए NDA ने जो फॉर्मूला सेट किया है उसके अनुसार, नीतीश की पार्टी को सबसे ज्यादा 105 सीटें मिलने वाली हैं। ये दिखाता है कि नीतीश अभी भी बिहार NDA में बड़े भाई हैं। लोकसभा 2024 में JDU को 16 सीटें मिली थीं, जबकि BJP को 17। लेकिन विधानसभा में नीतीश को ज्यादा सीटें देकर BJP ने उनकी ताकत को माना है।
बीजेपी ने गठबंधन के लिए थोड़ा त्याग किया और 101 सीटों पर मान गई है। ये उनकी रणनीति का हिस्सा है, ताकि नीतीश को खुश रखकर महागठबंधन को कड़ी टक्कर दी जा सके।
चिराग की पार्टी को 20 सीटें मिलने की बात है। चिराग ने आरा में बड़ी रैली करके सम्मान जनक सीटों की डिमांड की थी। ये भी संदेश दिया था कि जरूरत पड़ी तो 243 सीटों पर अकेले लड़ लेंगे। 20 सीटें उनकी मांग से कम हैं, लेकिन लोकसभा में 5/5 सीटें जीतने और केंद्र में मंत्री होने की वजह से ये ठीक-ठाक डील मानी जा सकती है।
मांझी की पार्टी को 7 सीटें मिल रही हैं। मांझी 30-35 सीटों की बात कर रहे थे, लेकिन उनकी डिमांड को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 7 सीटें उनके लिए निराशा वाली बात हो सकती है।
RLM (उपेंद्र कुशवाहा): कुशवाहा को 10 सीटें मिलने की उम्मीद है। उन्होंने मुजफ्फरपुर में जोरदार रैली करके 5-6 सीटों की खबरों का खंडन किया था और ज्यादा सीटें मांगी थीं। 10 सीटें उनकी उम्मीद से कम हैं, लेकिन उनकी पार्टी की छोटी पहुंच को देखते हुए ये ठीक है।
2020 में क्या हुआ था?
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में NDA का सीट बंटवारा कुछ ऐसा था:
2020 में NDA ने कुल 125 सीटें जीती थीं, लेकिन JDU का प्रदर्शन BJP से कमजोर रहा। फिर भी नीतीश CM बने। इस बार चिराग NDA के साथ हैं, जो गठबंधन को मजबूत करता है। लेकिन छोटी पार्टियों की बड़ी-बड़ी मांगों ने बंटवारे को पेचीदा बनाया है।
कौन कितना खुश?
देखिए, नीतीश का जलवा बरकरार है। JDU को 105 सीटें मिलना नीतीश की ताकत दिखाता है। BJP ने लोकसभा में उनसे ज्यादा सीटें ली थीं, लेकिन यहाँ नीतीश को आगे रखा गया। बिहार में नीतीश की जातीय समीकरणों पर पकड़ और उनकी साख इसकी बड़ी वजह है। NDA ने साफ कर दिया है कि नीतीश ही CM का चेहरा होंगे।
चिराग की बल्ले-बल्ले, पर थोड़ी कमी: चिराग को 20 सीटें मिलना उनकी ताकत को दिखाता है, खासकर लोकसभा में 5/5 सीटें जीतने के बाद। लेकिन उनकी 40-45 सीटों की डिमांड पूरी नहीं हुई। उनकी रैलियों और बयानों से BJP-JDU पर दबाव तो बना, पर गठबंधन ने उनकी चाहत को काबू में रखा। फिर भी, 20 सीटों के साथ चिराग को अपनी ताकत दिखाने का मौका मिलेगा।
मांझी-कुशवाहा को झटका: मांझी की 30-35 सीटों की बात हवा-हवाई साबित हुई। 7 सीटें मिलना 2020 जैसा ही है। ये उनके लिए निराशा की बात है। कुशवाहा को 10 सीटें मिलीं, जो उनकी मांग से कम हैं। 2020 में उनकी पार्टी का प्रदर्शन शून्य था, तो 10 सीटें उनके लिए मौका हैं, पर उनकी बड़ी उम्मीदें टूटीं।
BJP की चाल: 101 सीटों के साथ BJP ने नीतीश को खुश रखने की रणनीति अपनाई। 2020 में उनका प्रदर्शन JDU से बेहतर था, और इस बार भी वो यही चाहेंगे। BJP ने सीटों का बंटवारा जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखकर किया है।
2020 Vs 2025: क्या बदला?
NDA का ये सीट बंटवारा नीतीश को मजबूत करने और गठबंधन की एकता बनाए रखने की कोशिश है। चिराग को ठीक-ठाक हिस्सा मिला, पर मांझी और कुशवाहा की मांगें पूरी नहीं हुईं। 2020 की तुलना में ये फॉर्मूला ज्यादा संतुलित है और लोकसभा 2024 के पैटर्न को फॉलो करता है। अब देखना ये है कि मैदान में ये फॉर्मूला कितना दम दिखाता है और क्या NDA अपनी 225 सीटों की भविष्यवाणी को सच कर पाता है।