Desk- अब महाराष्ट्र की राजनीति में बिहार मॉडल की चर्चा होने लगी है. इस मॉडल की चर्चा सत्ताधारी एनडीए के शिवसेना के नेता कर रहे हैं और कम सीट होने के बावजूद भाजपा से फिर से एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने की अपील कर रहे हैं, वहीं भाजपा के नेताओं ने इसका जवाब देते हुए कहा है कि बिहार और महाराष्ट्र की स्थिति अलग-अलग है इसलिए बिहार की तुलना महाराष्ट्र से नहीं करनी चाहिए इसका मतलब है कि भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी कर रही है.
बताते चलें कि झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव एक साथ हुआ है. झारखंड में हेमंत सोरेन 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ चौथी बार लेने जा रहे हैं. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को ही पूरा हो रहा है लेकिन 26 नवंबर तक महाराष्ट्र में नई सरकार बनते हुए नहीं दिख रही है क्योंकि मुख्यमंत्री पद का मामला फंसा हुआ है. बीजेपी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का दबाव है कि इस बार इतनी ज्यादा सीट जीतने के बाद भाजपा को ही अपना मुख्यमंत्री बनना चाहिए और वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के रूप में होना चाहिए. जबकि एकनाथ शिंदे भी अपना मुख्यमंत्री का पद छोड़ना नहीं चाह रहे हैं और वह आगे भी मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेना चाह रहे हैं. भाजपा नेताओं का मूड भांपते हुए शिवसेना के नेताओं ने बिहार मॉडल की चर्चा शुरू कर दी है.मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना सांसद और पार्टी प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने कहा कि पार्टी के सांसद और कार्यकर्ता होने के नाते हमें लगता है कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे बिहार में भाजपा ने संख्याबल पर ध्यान नहीं दिया और जद (यू) नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन यह फैसला तीनों दलों के बड़े नेता करेंगे.
गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार 2005 से लगातार मुख्यमंत्री बने हुए हैं इस दौरान कई चुनाव हुए हैं जिसमें उनकी पार्टी जदयू के विधायकों की संख्या कभी ज्यादा रही है तो कभी सहयोगी दल के विधायकों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया गया है. ऐसा राजद के द्वारा भी किया गया है और बीजेपी के द्वारा भी. 2020 के विधानसभा चुनाव में जब जदयू तीसरे नंबर की पार्टी बन गई थी, और नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि आप अपने पार्टी का सीएम बनवा लें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नहीं, आप ही को CM बनना है. बाद में जब 2022 में नीतीश कुमार बीजेपी को छोड़कर राजद के साथ आए थे तो जेडीयू से ज्यादा सीट होने के बावजूद राजद ने नीतीश कुमार को ही मुख्यमंत्री बनाया था. अभी बिहार में जो सरकार चल रही है उसमें बीजेपी के 80 विधायक हैं जबकि जदयू के महज 45 विधायक ही है. इसके बावजूद भाजपा ने सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर रखी है. अब बिहार के इस मॉडल को महाराष्ट्र में लागू करने की मांग एकनाथ शिंदे की शिवसेना कर रही है अब देखना है कि भाजपा आलाकमान इस पर क्या फैसला लेता है.