Aurangabad:- मशहूर गायिका इशरत जहां औरंगाबाद के विश्व प्रसिद्ध सूर्य तीर्थ स्थल देव पहुंची, जहां उन्होने त्रेतायुगीन सूर्य मंदिर में मत्था टेका और भगवान सूर्य का दर्शन-पूजन किया। इस दौरान मंदिर के पुजारी ने इशरत को विधिवत पूजा-अर्चना कराई।
सनातन धर्म के प्रति गहरी आस्था
सूर्यदेव के दर्शन पूजन के बाद इशरत ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से बातचीत में कहा कि वह मुस्लिम हैं, इसके बावजूद वह सनातन धर्म में गहरी आस्था रखती है। उनकी शादी भी मारवाड़ी फैमिली में हुई है। वह दोनों धर्मो को समान रूप से सम्मान देती है।
यज्ञ में हुई शामिल
इशरत ने सनातनी भजन और लोक आस्था के महापर्व छठ के गीत गाए है। उनकी आवाज मधुर और सुरीली है। इसे देखते हुए ही देव प्रखंड के करमडीह गांव में हो रहें श्री श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महायज्ञ में माहौल को भक्तिमय और अध्यात्ममय बनाने के लिए अयोजको ने उन्हे आमंत्रित किया था। इसी आमंत्रण को स्वीकार कर वह यज्ञ में भक्ति गीतों की प्रस्तुति देने देव आई और प्रस्तुति दी भी। उन्होंने महायज्ञ में आमंत्रित करने के लिए आयोजन समिति के अध्यक्ष चंदन सिंह के प्रति आभार जताया l
समाजसेवियों ने किया स्वागत
देव आने पर गायिका इशरत जहां का यहां के समाजसेवियों मुकुल सिंह, मुन्ना पाठक, विजय पांडेय, रुपेश पाठक, उपेंद्र यादव एवं अमित पाठक आदि ने स्वागत किया। इशरत को भगवान सूर्य व प्रभु श्रीराम का मोमेंटो देकर सम्मानित किया। स्वागत से अभिभूत इशरत जहां ने लोगों के आग्रह पर श्रद्धालुओं के बीच छठ गीतों के मुखड़े गाए। छ्ठ गीत गाकर उसने भक्तिमय शमां बांध दिया।
पहलगाम घटना की निंदा
इशरत ने बताया कि वह प्रयागराज की रहनेवाली है लेकिन अब मुंबई में सेटल हो गई है। उन्होने पहलगाम घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर कड़ी सख्त कार्रवाई करने की केंद्र सरकार से अपील की। कहा कि सनातन का पूरी दुनियां में डंका बजे और भारत विश्वगुरु बने, इसके लिए उनसे जो भी सहयोग बन पा रहा है, वह अपने माध्यम से अपना योगदान देने में लगी है।सनातन का डंका बजाने के लिए ही वह 18 साल से धार्मिक गीत, संगीत और भक्ति गीत गा रही है।
औरंगाबाद से गणेश की रिपोर्ट