वो कहते हैं ना—ज़िन्दगी की डगर कितनी भी कठिन क्यों न हो, अगर कुछ चाह लिया जाए और उसके लिए डटकर मेहनत की जाए, तो अंत में वो हासिल हो ही जाता है। यही मिसाल पेश कर रही हैं हमारी भारत की महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना। हाल ही में उनकी जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव आए, निजी चुनौतियों ने रास्ता मुश्किल बनाया, पर जब क्रिकेट की बात आई, देश का नाम सामने आया, तो उन्होंने हौसलों से बल्ले को सजाया और भारत का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया।
भारतीय महिला क्रिकेट के लिए रविवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। जब टीम इंडिया की उपकप्तान और स्टार बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना ने महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 4000 रन पूरे कर नया मुकाम हासिल किया है। वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला बल्लेबाज़ और दुनिया की दूसरी खिलाड़ी बन गई हैं। इस उपलब्धि के साथ भारतीय महिला क्रिकेट में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है।
स्मृति मंधाना ने अपने शानदार करियर में बेहतरीन स्ट्रोक प्ले, दमदार टाइमिंग और आक्रामक अंदाज़ से न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता है, बल्कि टीम इंडिया को कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत भी दिलाई है। बाएं हाथ की इस बल्लेबाज़ ने अंतरराष्ट्रीय टी20 में लगातार प्रदर्शन कर अपने खेल को नए स्तर पर पहुंचाया है। मंधाना की बल्लेबाज़ी तकनीक और लय आज महिला क्रिकेट की बड़ी ताकत मानी जाती है।
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महिला टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ियों की सूची में न्यूजीलैंड की सुजी बेट्स पहले स्थान पर हैं, जबकि मंधाना अब सीधे दूसरे स्थान पर आ चुकी हैं। भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर और श्रीलंका की चमारी अथापत्थु भी इस खास क्लब की सदस्य हैं, लेकिन स्मृति ने जिस तेजी से यह मुकाम हासिल किया है, उसने क्रिकेट विशेषज्ञों को भी प्रभावित किया है। स्मृति मंधाना की इस उपलब्धि ने भारत ही नहीं, दुनिया भर में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता को और बढ़ावा दिया है। क्रिकेट प्रेमियों का मानना है कि आने वाले वर्षों में मंधाना और कई बड़े कीर्तिमान अपने नाम कर सकती हैं। यह उपलब्धि आने वाली युवा पीढ़ी के लिए भी प्रेरणा का बड़ा स्रोत बनेगी।
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