Kaimur :-भारत आर्युवेद चिकित्सा पद्धति में विश्व मे नम्बर वन पर है भारत मे आयुर्वेद 5 हजार वर्ष पुराना चिकित्सा पद्धति है.,देश के हर राज्य में हजारों जड़ी बूटी उगते है और अमेरिका जैसे देश में आयुर्वेद की दवा बनाई जाती है जिससे भारत को लाखों रुपये का मुनाफ़ा होता है।अमेरिका के न्यूयार्क की कम्पनी वेदा फॉर्म जो वेदा वैरियर के नाम से जड़ी बूटी की दवाएं बनाती है।भारतीय मूल कi रहने वाली अमेरिका के न्यू यार्क से भारत के बिहार के रोहतास जिले के भीम करूप में वेदा फॉर्म के तहत वेदा गुण वाटिका का शुरुआत की है,जिसमे आयुर्वेदिक दवा बनाने का जड़ी बूटी की खेती की जायेगी. सफेद मूसली,पिपरमिंट सहित छह प्रकार की जड़ी बूटी की खेती होगी।स्मृति मेघमाला चौबे जो अपने पुरुखों के खेती में जड़ी बूटी की व्यवसायी खेती की शुरुआत करने जा रही है,इनके पहले से गाँव के किसानों में काफी उत्साह है।
स्मृति मेघमाला चौबे बताती है कि भारत के किसान पारंपरिक खेती धान गेंहू का सिर्फ करते है।उसके जगह आयुर्वेद में इस्तेमाल होने वाले जड़ी बूटी की खेती करेंगे तो कम लागत ज्यादा मुनाफा मिलेगी।भारत मे पहला गाँव बिहार का भीम करूप है जहाँ छह प्रकार के जड़ी बूटी की खेती की जाएगी।साथ ही बिहार के ऐसे जागरूक किसान जो जड़ी बूटी की खेती करते है उनसे भी मिलकर उनका उत्पादन अमेरिका ले जाएगी।जड़ी बूटी की खेती करने वाले किसानों से सीधे उनका उत्पादन खरीदेगी।भोजपुर क्षेत्र के शाहाबाद क्षेत्र में एक कहावत है भैया राम चौबे का दलान है।उनकी परपोती उस कहावत को चरितार्थ करने अमेरिका से भारत आई है।
राम चौबे ऐसे व्यक्ति थे कि जो राहगीर को देर शाम हो जाता था उनके घर का अतिथि बनता है कई बार पूरी बारात गाँव रुकी ।कभी अतिथि के सत्कार के लिए पीछे नहीं रहे।स्मृति मेघमाला चौबे के पिता अशोक चौबे भी अपनी बेटी के कार्य को हाथ बांटा रहे है कैंसर जैसे इलाज में प्रयोग होने वाला गांजा और भांग की खेती की सलाह दे रहे है जो बिहार सरकार बैन की है।उनका कहना है कि हिमाचल और उत्तराखंड जैसे राज्यो में बैन नहीं ,बिहार सरकार को पहल कर किसानों को जड़ी बूटी की खेती के लिए जागरूक किया जाए।वही गांव के किसान संत बिलास सिंह का कहना है कि अमेरिका की टीम मेरे गाँव मे जड़ी बूटी की खेती करेगी जिससे किसानों को लाखों की आमदनी होगी।बेरोजगार युवकों को नौकरी भी मिलेगी.
प्रमोद की रिपोर्ट