भोजपुर: चांदी थाना क्षेत्र के भगवतपुर गांव में 19 दिसंबर की रात झारखंड पुलिस के हवलदार पशुपति नाथ तिवारी की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। हत्या का कारण था हवलदार के बेटे विशाल कुमार तिवारी का ड्रग्स की आदत और नौकरी पाने की लालसा। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य और सीडीआर विश्लेषण के आधार पर विशाल और उसके दोस्त जीशान अहमद जिलानी को हजारीबाग से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, हवलदार अपने बेटे की ड्रग्स की आदत से परेशान रहते थे और हाल ही में जमीन का एग्रीमेंट भी कराया था, जिसकी जानकारी बेटे को नहीं थी। इससे विशाल अपने पिता से खफा चल रहा था। उसने अपने दोस्त जीशान के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची और 19 दिसंबर की रात बाइक से हजारीबाग से भगवतपुर आया। दोनों ने घर के पीछे के रास्ते से प्रवेश कर सोते हवलदार की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी। अपराध छुपाने के लिए अंगूठे की अंगुली काट दी गई और हत्या में इस्तेमाल हथियार व खून लगे जैकेट को सोन नदी में फेंक दिया गया।
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एसडीपीओ रंजीत कुमार सिंह ने बताया कि हत्या की साजिश करीब दो साल से चल रही थी। पुलिस ने तकनीकी और वैज्ञानिक तरीकों से जांच कर कातिलों तक पहुंचने में सफलता पाई। पूछताछ में दोनों ने हत्या की पूरी जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है। हवलदार की पत्नी की भूमिका की भी जांच जारी है और संलिप्तता मिलने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया जा सकता है। यह मामला दर्शाता है कि नौकरी और ड्रग्स की लालसा ने पिता-पुत्र के रिश्ते को कितनी भयावह अंजाम तक ले जा सकता है।
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