Gaya - ज्ञान और मोक्ष की नगरी गया जिले के कई गांव के अजब गजब नाम हैं, जिसे बोलने में यहां के ग्रामीणों को शर्म आती है. जिले के गुरारू प्रखंड के डीहा पंचायत में एक गांव का नाम बंदरा और दूसरी का बंदरी है।
यहां के रहने वाले ग्रामीण राजेंद्र पासवान ने बताया कि इसका नाम अंग्रेजों ने रखा था। ऐसी चर्चा है कि यहां के एक ग्रामीण ने अंग्रेजों का जूता चुरा लिया गया था, जिसके बाद अंग्रेजों ने श्राप में एक गांव को बंदरा तो दूसरे गांव का बंदरी नाम रखा था। हम लोग बंदरा और बंदरी गांव का नाम पूर्वजों से सुनते हुए आ रहे हैं। बंदरी गांव में ज्यादातर मुस्लिम समुदाय और पासवान समाज के लोग हैं, जबकि बंदरा गांव में भूमिहार और राजपूत समाज से हैं। दोनों गांव में तकरीबन 120 घरों की आबादी है।
गांव के नाम की वजह से ग्रामीणों को कोई तरह की परेशानी भी होती है और वह कई जगह हंसी का पात्र भी बनता है.ग्रामीण बताते हैं कि शादी के लिए भी अगुआ आते हैं वो लोग भी नाम को सुनकर हंसते हैं और तरह-तरह के टोन बाजी भी करते हैं। इस गांव के बहू-बेटियां की जब शादी हो जाती है तो वह अपने जब ससुराल जाती है तो उन लोगों भी अशब्द नाम से पुकारते है। लोग कहते हैं कि बंदरा-बंदरी वाली आ गई। यह सुनकर भी हम लोगों को थोड़ा खराब लगता है लेकिन क्या किया जाए।
गया से मनीष की रिपोर्ट