Desk- नकली IPS बनकर जमुई के बाजार में घूम रहे मिथिलेश मांझी को मंदबुद्धि का समझ कर पुलिस ने छोड़ दिया था और अब वह एक वीडियो एल्बम का हीरो बन गया है, जो इसी माह रिलीज हो रहा है., इस बीच मिथिलेश मांझी को लेकर कई तरह की शिकायतें आ रही है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि मिथिलेश मांझी मंदबुद्धि का नहीं बल्कि शातिर है और उसने नौकरी दिलाने के नाम पर काफी लोगों को ठगा है, उसने खुद को मासूम दिखाकर पुलिस को भी बेवकूफ बनाने की कोशिश की है, आप पुलिस फिर से उसके खिलाफ जांच पड़ताल शुरू की है.
एक शिकायतकर्ता लालजीत मांझी ने बताया कि मुझे बताया गया कि रेलवे में नौकरी लगने के लिए 1 लाख 50 हजार रुपये लगेगा। रुपया लेकर मिथिलेश यहां से भाग निकला, जिसके बाद हम लोग पुलिस से मदद लेने थाने पहुंचे। वहीं जय राम नामक शख्स ने आरोप लगाया है कि मिथिलेश के फूफा सोखो ने कहा कि उनका भांजा आईपीएस अधिकारी बन गया है इसके लिए मुझसे डेढ़ लाख रुपये की मांग की गई थी, जिसमें मैंने 12 हजार रुपये ही दिए। अब पता चल रहा है कि उसने ठगी की है.एक युवक विमल मांझी ने बताया कि मिथिलेश मेरे पास आया और उसने नौकरी के बदले मुझसे 15 हजार लिए। उसके बाद फिर 13 हजार लिए और कहा कि सारे कागजात पटना से बनकर आएंगे।
मिली जानकारी के अनुसार इस तरह अब तक करीब 12 युवाओं से 1.95 लाख मिथिलेश मांझी और उनके परिजनों द्वारा रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने का आरोप लगा है.
ठगी के शिकार युवकों ने बताया कि मिथिलेश ने युवाओं को विश्वास दिलाने के लिए उन्हें जमुई रेलवे स्टेशन ले जाकर रेलवे गार्ड को दिखाया और कहा कि यही नौकरी मिलेगी। उसने लाल और हरे रंग की झंडी दिखाकर नौकरी पक्की होने का दावा किया। जब उन्होंने मिथिलेश से कहा कि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं, तो उनकी नौकरी कैसे लगेगी? इस पर मिथिलेश ने कहा कि मैं भी तो पढ़ा-लिखा नहीं हूं, लेकिन आईपीएस बन गया ना।