Patna :- चुनावी साल में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार एक्टिव नजर आ रहे हैं और हर दिन कहीं- न कहीं यात्रा या समारोह अथवा सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं, आज हुए पटना के कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित मुसहर-भुइंया सम्मेलन में शामिल होकर लोगों को संबोधित किया.
इस सम्मेलन को लेकर तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया पर भी फोटो के साथ अपनी भावनाओं को शेयर किया. तेजस्वी यादव ने लिखा कि युगों-युगों के बाद आदरणीय लालू जी के नेतृत्व में राजद शासन काल में वंचित, उपेक्षित, उत्पीड़ित, दलित और पिछड़े-अतिपिछड़े वर्गों को समाज में सम्मान, स्वाभिमान और न्याय के साथ मुख्यधारा में सम्मिलित किया गया।
तेजस्वी ने आगे लिखा कि 𝟐𝟎 वर्षों की भाजपा और आरएसएस नीत सरकार के लोग कभी भी अनुसूचित जाति-जनजाति को आगे बढ़ते हुए नहीं देखना चाहते हैं। यही कारण है कि बिहार में 𝟐𝟏% से अधिक आबादी होने के बावजूद अनुसूचित जाति में पूरे बिहार में केवल 𝟎.𝟏% इंजीनियर और केवल 𝟎.𝟎𝟏𝟓 परसेंट डॉक्टर है। बिहार में सरकारी नौकरी में दलितों की भागीदारी केवल और केवल 𝟏.𝟏𝟑% है। हमारी सरकार आने पर वंचित वर्गों के लिए ऐतिहासिक कार्य किए जाएंगे।
बिहार के सामाजिक आर्थिक जातीय सर्वे के अनुसार मुसहर/माँझी की बिहार में कुल जनसंख्या 𝟒𝟎 लाख 𝟑𝟓 हज़ार है लेकिन इस जाति में पूरे बिहार में सिर्फ 𝟐𝟎 𝐃𝐨𝐜𝐭𝐨𝐫 और सिर्फ 𝟕𝟔 𝐄𝐧𝐠𝐢𝐧𝐞𝐞𝐫 है। डोम जाति की कुल जनसंख्या 𝟐,𝟔𝟎,𝟎𝟎𝟎 है लेकिन डाक्टर सिर्फ 𝟏𝟗 और 𝐄𝐧𝐠𝐢𝐧𝐞𝐞𝐫 सिर्फ 𝟔𝟑 है। हमारी सरकार आने पर वंचित वर्गों के लिए उत्थान और प्रतिनिधित्व के लिए निर्णय लेकर ऐतिहासिक कार्य किए जाएंगे।
बताते चलें कि मुसहर-भुइंया समाज से केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी आते हैं, और इस समाज पर उनकी खासी पकड़ है. इससे पहले इसी समाज से आने वाली और पत्थर तोड़कर गुजारा करने वाली भगवतीया देवी को लालू प्रसाद यादव ने अपनी पार्टी से सांसद बनाया था. उनकी बेटी समता देवी अभी भी राजद के साथ है और गया के बाराचट्टी इलाके से विधायक रह चुकी है. भगवतिया देवी का बेटा विजय मांझी गया से सांसद रह चुके हैं. अभी इस समाज पर अधिकांश पकड़ एनडीए गठबंधन की है यही वजह है कि तेजस्वी यादव ने इस समाज का जातीय सम्मेलन करवा कर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश की है.