 
                        पटना: विधानसभा चुनाव को लेकर NDA के घोषणापत्र जारी करते ही विपक्ष ने हमले शुरू कर दिए। NDA के संकल्प पत्र पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जम कर तंज कसा और कहा कि इन्हें अब बिहार के लिए घोषणा पत्र नहीं Sorry पत्र लाना चाहिए। इन्हें बिहार की 14 करोड़ जनता से माफ़ी मांगनी चाहिए। ये लोग पिछले 20 वर्षों से लगातार झूठा मेनिफेस्टो ला रहे हैं। अब तो इनके द्वारा की घोषणाएं पनाह मांग रही है और कह रही है कि पहले मुझे तो पूरा करो फिर नई घोषणा कर लेना। ये लोग पिछले 20 वर्षों से लगातार झूठ, धोखे और जुमलों की बारिश कर रहे हैं। इनके पास और कुछ है ही नहीं।
तेजस्वी यादव ने कहा कि एक गठबंधन की घोषणा पत्र का कार्यक्रम 30 सेकंड के अंदर ही खत्म हो गया। मुख्यमंत्री जी को शायद पता भी नहीं होगा कि उसमें क्या है। मुख्यमंत्री जी को नहीं बोलने देने के लिए किसी ने कुछ बोला ही नहीं। हमने उनके घोषणा पत्र को देखा, अब ये कह रहे हैं कि स्कूल में मिड डे मील देंगे, तो क्या ये पहले अच्छा भोजन नहीं दे रहे थे। हर जिले में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज खोलेंगे, जहाँ पहले से है खुला हुआ है वहां तो डॉक्टर नहीं हैं, दवा नहीं है। सिर्फ ढांचा बना दिया गया है और कुछ सुविधा नहीं है।
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तेजस्वी यादव ने कहा कि NDA के घोषणा हर जिले में फैक्ट्री की घोषणा कर रहे हैं तो पिछले 20 वर्षों में क्यों नहीं खोल दिए। अमित शाह कह रहे हैं कि बिहार में भूमि नहीं है तो ये सब इनका मात्र जुमला है। बिहार की जनता इनकी चाल चरित्र को पहचान चुकी है और करारा जवाब देगी। इस बार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी और फिर बेरोजगारी खत्म होगी। इन लोगों ने महंगाई, बरोजगारी इस तरह से बढ़ा दिया है। आप देखिएगा 94 लाख गरीब परिवार हैं, उन्हें मुख्यधारा में कैसे लायेंगे इसकी कोई चर्चा नहीं की। सरकार हमारी हर घोषणाओं का नकल करती है, हमसे पूछते हैं कि हम कैसे देंगे।
मोकामा हत्याकांड पर बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं होनी चाहिए। हम तो ताज्जुब में हैं कि कोई व्यक्ति 40 गाड़ियों के काफिला और हथियार के साथ कैसे घूम सकता है। हत्या हो गई, लोगों ने आरोप लगाया, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि क्या कैसे हुआ लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, प्रशासन के लोग चुप हैं। तो आप बताइए अपराधियों को संरक्षण कौन दे रहा है। केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें संरक्षण दे रहे हैं वही लोग जंगलराज की बात कर रहे हैं। चुनाव आयोग को संज्ञान लेना चाहिए कि ये कैसे हुआ? किसी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आप समझ जाइये, बिहार में स्थिति क्या है, सच्चाई सामने है।