Purnia : पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा के आवास पर प्रदेश जदयू नेतृत्व के निर्देश पर प्रेस वार्ता का कार्यक्रम आयोजित की गई। जिसमें पूर्णिया जिला अध्यक्ष प्रकाश सिंह पटेल और महानगर अध्यक्ष अविनाश कुमार ने प्रेस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 14 करोड़ बिहार वासियों के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इनकी सेवा का एकमात्र मकसद बिहार वासियों का कल्याण है। वहीं गरीबों के घर रोशनी, बेटियों को गरिमा और युवाओं को रोजगार अवसर... यही है नीतीश कुमार का सुशासन मॉडल।
वहीं अपने संबोधन में जिला अध्यक्ष प्रकाश सिंह पटेल ने कहा कि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरफ से हाल ही में बिहार वासियों के लिए दिए गए 125 यूनिट तक बिना शुल्क के बिजली, साल 2025 से 30 तक 1 करोड़ युवाओं को नौकरी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन राशि को 400 से बढ़ाकर 1100 रुपये और हर पंचायत में "मुख्यमंत्री कन्या मंडप विवाह योजना" के निर्माण को लेकर खास चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अगस्त 2025 से 125 यूनिट तक निःशुल्क बिजली देने का जो ऐतिहासिक निर्णय लिया है, वह सिर्फ घोषणा नहीं, बल्कि जन-आस्था और सेवा की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह योजना राज्य के एक करोड़ 67 लाख घरेलू उपभोक्ताओं के जीवन में प्रत्यक्ष राहत और सम्मान लेकर आएगी। आज जो गांव रोशन हैं, वह कभी अंधेरे में डूबा रहा करते थे। जब बिहार-झारखंड एक था, तब गांवों तक बिजली पहुंचने की कोई कल्पना नहीं करता था। आज वही बिहार शहरी क्षेत्र में औसतन 23 .6 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 21 से 22 घंटे बिजली दे रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्षों पहले कहा था कि, जब तक बिहार में बिजली की स्थिति नहीं सुधरेंगी, वे दोबारा वोट नहीं मांगेंगे। यही होती है विकासोन्मुखी राजनीति, जहां वादा सिर्फ बोला नहीं, निभाया जाता है। बिजली उत्पादन की सीमाओं के बावजूद बिहार सरकार ने महंगी बिजली खरीद कर भी जनता तक आपूर्ति सुनिश्चित की है। साथ ही, 7 निश्चय योजना के पहले चरण में हर घर तक बिजली पहुंचाई गई और अब दूसरे चरण में हर खेत तक बिजली और पानी की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ा जा रहा है। इसके साथ ही, राज्य सरकार 56 लाख गरीब परिवारों को मुक्त सोलर पैनल और अन्य उपभोक्ताओं को सब्सिडी आधारित सहायता देकर ऊर्जा आत्मनिर्भरता की नई इबारत लिख रही है ।
तेजस्वी यादव जब यह कहते हैं कि, सरकार ने यह निर्णय उनके दबाव में लिया है, तो उन्हें याद दिलाना आवश्यक हो जाता है कि उनके 2020 के प्रण-पत्र में कहीं भी मुफ्त बिजली का वादा नहीं किया गया था। सिर्फ बिजली दरों में कटौती की बात थी। आज जब योजना लागू हो रही है, तो क्रेडिट के लिए होड़ क्यों ? तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि, उनके माता-पिता के शासन में बिजली नहीं, अंधेरा राज करता था। वह आज बिजली योजना पर सवाल उठा रहे हैं ? यही नहीं, तेजस्वी यादव के सरकारी बंगले को भी इस योजना का लाभ मिला है, फिर भी वह आलोचना कर रहे हैं। बिहार सरकार की उपलब्धियां सिर्फ बिजली तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का संकल्प लिया है, जो पूरी प्रशासनिक तैयारी के साथ जमीन पर उतर जाएगा।
सात निश्चय योजना के तहत अब तक 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरियों और 39 लाख रोजगार का सृजन किया जा चुका है। यह वही बिहार है जहां लालू - राबड़ी शासनकाल में 15 वर्षों में महज 19 हजार से कुछ अधिक सरकारी नौकरियां दी गई थी। उस दौर में नौकरी के लिए योग्यताएं नहीं, जोड़-तोड़ और जमीन की रजिस्ट्री चलती थी। वहीं आज नीतीश कुमार की सरकार में पारदर्शिता के साथ नौकरी दी जा रही है - न जमीन मांगी जा रही है, न संपत्ति लिखवाई जा रही है।
तेजस्वी यादव जब 10 लाख नौकरी के वादे के साथ सत्ता में आए थे, तो कुछ नहीं किया। गठबंधन के दौरान वादा भुला दिया गया और जो थोड़ी बहुत नियुक्तियां हुईं। वे केवल मीडिया और फोटोशूट तक सीमित थी। इसके विपरीत नीतीश सरकार ने सरकारी, निजी, औद्योगिक और स्टार्टअप क्षेत्र में युवाओं को वास्तविक अवसर देने का कार्य किया है।
सामाजिक संवेदनशीलता की बात करें तो "मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना" नीतीश कुमार की इस सोच को दर्शाती है जो अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के जीवन को गरिमा देना चाहती है। यह योजना दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की बेटियों के विवाह को स सम्मान और व्यवस्थित तरीके से संपन्न करने के लिए एक सशक्त पहल है। जहां पहले आर्थिक अभाव के कारण बेटियों की शादी एक चिंता थी, वहीं अब राज्य सरकार विवाह भवन आर्थिक सहायता और जीविका दीदियों के संचालन के माध्यम से इन परिवारों को सम्मानजनक विकल्प दे रही है ।
बेटियों के लिए मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, गरीबों के लिए मुफ्त सोलर पैनल, युवाओं के लिए एक करोड़ रोजगार और हर घर को रोशनी, ये सब मिलकर नीतीश कुमार के सुशासन की परिभाषा गढ़ते हैं। वहीं राजद के पास अब भी ना तो नीति है, ना नियत और ना ही कोई दूरदर्शी सोच। उनके शासनकाल में ना बिजली थी, ना रोजगार और न बेटियों की गरिमा के लिए कोई नीति। इस प्रेस वार्ता में जदयू जिला मुख्य प्रवक्ता उपेंद्र कुमार सिंह मौजूद रहे।
पूर्णया से रोहित कुमार की रिपोर्ट