बांका: बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अवैध अतिक्रमण पर लगातार बुलडोजर कार्रवाई की जा रही है। राज्य के विभिन्न जिलों में प्रशासन अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर चला रहा है जिससे अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। रविवार को बांका में भी प्रशासन जब कार्रवाई के लिए पहुंचीं तो सैकड़ों की संख्या में छात्र विरोध के लिए सामने आ गए। छात्रों ने बुलडोजर कार्रवाई के बाद उनके पठन पाठन पर असर पड़ने का हवाला देकर भारी विरोध किया। इस दौरान ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट गई और प्रशासन को भारी मशक्कत भी करना पड़ा। छात्र और ग्रामीणों के विरोध के बावजूद प्रशासन ने पुलिस बल के सहयोग से अतिक्रमित भूमि पर बुलडोजर चला कर अतिक्रमण हटाया।
दरअसल बांका के सुइयां घुटिया मध्य विद्यालय पर अतिक्रमण का आरोप था जिसके बाद प्रशासन कोर्ट के आदेश पर बुलडोजर लेकर कार्रवाई करने पहुंचा था। बताया जा रहा है कि स्कूल निर्माण के लिए स्थानीय राम प्रवेश सिंह ने 23 डिसमिल जमीन दान किया था। स्कूल निर्माण के दौरान शिक्षा विभाग ने उनकी 7 डिसमिल जमीन पर जबरन निर्माण कार्य शुरू कर दिया जिसे उन्होंने रोकने की कोशिश की लेकिन असफल रहे। बाद में वे मामले को लेकर कोर्ट गए जहां अब करीब 9 वर्ष बाद फैसला उनके पक्ष में आया। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन बुलडोजर लेकर अतिक्रमण हटाने पहुंचा था जिसके बाद छात्र और स्थानीय लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया और स्कूल भवन तोड़ने से पठन पाठन कार्य में दिक्कत का हवाला दिया।
लोगों ने कहा कि स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक के सैकड़ों छात्र पढ़ते हैं। अतिक्रमित भूमि पर स्कूल का एक नया भवन, प्रधानाध्यापक कार्यालय, शौचालय और विद्यालय का चारदीवारी है।। वहीं, स्कूल की चारदीवारी से सटी वन विभाग की ओर से कथित रूप से अतिक्रमित 8 डिसमिल भूमि (जिसमें चार कमरे थे) को प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त करा दिया है। बेलहर डीएसपी रविंद्र मोहन प्रसाद ने कहा कि न्यायालय का आदेश है, इसलिए जमीन खाली कराना अनिवार्य है। फिलहाल प्रशासन स्कूल की चारदीवारी और कार्यालय को तोड़ने की कार्रवाई में जुटा हुआ है।
बांका से दीपक कुमार की रिपोर्ट