Patna - बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपने आवास पर NDA के नेताओं के साथ मैराथन बैठक की जिसमें सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार करने के साथ ही सभी दलों के बीच समन्वय और 2025 के विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर व्यापक चर्चा हुई, लेकिन आमजन में सबसे चर्चा इस बैठक में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को लेकर हो रही है क्योंकि जिस स्थान पर केंद्रीय मंत्री को बैठाया गया उसको लेकर यह चर्चा हो रही है कि जिस तरह से गिरिराज सिंह ने पिछले दिनों भागलपुर से किशनगंज तक हिंदू स्वाभिमान यात्रा निकाली थी उसे नीतीश कुमार समेत पूरी जदयू नाराज थी और इस बैठक के जरिए उसने गिरिराज सिंह को बहुत बड़ा मैसेज दे दिया गया कि उनका एजेंडा बिहार में चलने वाला नहीं है अगर वह अपने इसी एजेंडे पर आगे बढ़ने की कोशिश की तो फिर बीजेपी के नेता भी उन्हें सम्मान दिलाने में मदद नहीं कर पाएंगे.
बताते चलें कि आज एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में जो बैठक हुई थी इसमें मंच पर तीन पंक्ति में कुर्सियां लगाई गई थी पहले पंक्ति में मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री के साथ ही बिहार बीजेपी के अध्यक्ष और सभी घटक दल के नेता मौजूद थे. केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और मोदी सरकार में राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर को भी पहले पंक्ति में जगह मिली थी जबकि कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाए गिरिराज सिंह को पीछे की कतार में जगह मिली. इसकी चर्चा हर तरफ हो रही है.
सोशल मीडिया पर कुछ लोग टिप्पणी कर रहे हैं कि जो गिरिराज सिंह पूरे हिंदुओं का स्वाभिमान जगाने के लिए यात्रा निकली थी, उनके खुद के स्वाभिमान को को बढ़ाने के लिए भाजपा के किसी भी नेता ने पहल नहीं की और गिरिराज सिंह दूसरी कतार में बैठकर पहली पंक्ति के नेताओं का भाषण सुनते रहे. उनकी उपस्थिति में ही जदयू के केंद्रीय मंत्री और कई नेताओं ने उनकी हिंदू स्वाभिमान यात्रा पर सवाल उठाए.
बताते चल रहे हैं कि गिरिराज सिंह ने भागलपुर से किशनगंज तक हिंदू स्वाभिमान यात्रा की थी, यात्रा की घोषणा के ठीक बाद ही राजद और कांग्रेस की तरह ही जदयू ने भी आपत्ति जताई थी. जदयू की आपत्ति की वजह से ही उनकी यात्रा से ठीक पहले बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि हिंदू स्वाभिमान यात्रा गिरिराज सिंह की निजी यात्रा है इससे बीजेपी का कोई लेना देना नहीं है, और अब एनडीए के सभी नेताओं में समन्वय की चर्चा के लिए बुलाए गए बैठक में गिरिराज सिंह के लिए जो जगह दी गई वह गिरिराज सिंह को बहुत कुछ मैसेज दे रहा है, कि आखिर केंद्र में उनके कनिष्ठ मंत्री को पहली पंक्ति में बैठाया गया और उन्हें दूसरी पंक्ति के कोने में जगह दी गई.अब देखना है कि गिरिराज सिंह इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया तुरंत देते हैं या फिर प्रतिक्रिया देने के लिए सही समय का इंतजार करते हैं.