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बिहार में आरक्षण की मुद्दा गरमाया, तेजस्वी के सवाल पर क्यों सरकार ने साधी चुप्पी, मनोझ झा ने ऐसा क्यों बोला...

The issue of reservation heated up in Bihar, why did the gov

Patna : बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अब जातीय जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार तक पहुंच गया है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव कि ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजे गए पत्र पर अब तक कोई जवाब नहीं मिलने के बाद राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी तीखा हमला बोला है। RJD के मुख्य प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि, देश भर में जातीय जनगणना को लेकर जो बयानबाज़ी की जा रही है, वह सिर्फ़ एक "राजनीतिक छलावा" है। उन्होंने कहा कि, ओबीसी का डाटा प्रकाशित नहीं करने का फैसला जनविरोधी है, और इससे सामाजिक न्याय के साथ खिलवाड़ हो रहा है।

जातीय जनगणना पर मनोज झा ने कहा- अगर सरकार जातीय जनगणना में कोई भी त्रुटि करती है या ओबीसी डाटा छुपाया जाता है, तो देश में जनसैलाब उठेगा। यह केवल आंकड़ों की लड़ाई नहीं, सामाजिक न्याय की लड़ाई है।


मनोज झा ने मांग ने मांग करते हुए कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संसद का विशेष सत्र बुलाकर स्पष्ट करें कि ओबीसी गणना को सिर्फ औपचारिकता बनाकर क्यों प्रस्तुत किया जा रहा है।


तेजस्वी यादव के पत्र पर सवाल

मनोज झा ने यह भी कहा कि, तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 4 जून को पत्र लिखा था, लेकिन आज 9 जून हो गया, और अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। क्या यह पत्र मुख्यमंत्री तक पहुंचा भी है? यदि पहुंचा है तो अब तक जवाब क्यों नहीं आया? क्या सरकार जानबूझकर चुप्पी साधे बैठी है?"

गृह मंत्रालय की भूमिका पर भी उठे सवाल

मनोज झा ने दावा किया कि, नेता प्रतिपक्ष के पत्रों की मॉनिटरिंग गृह मंत्रालय द्वारा की जाती है और वही तय करता है कि, पत्रों का क्या जवाब देना है। उन्होंने कहा कि, तेजस्वी यादव द्वारा उठाए गए मुद्दों का विभागीय स्तर पर जवाब तैयार है ?।

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