पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा सांसद एवं रालोमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को बगैर चुनाव लड़े ही नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल करा दिया जिसके बाद सियासी जगत में उनकी जम कर किरकिरी हुई। विपक्ष ने उन्हें निशाने पर लेते हुए परिवारवाद करने का आरोप लगाया और अलग अलग कई सवाल भी किये। इस संबंध में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी पिछली गलतियों से सीख लेते हुए आगे अपनी पार्टी को टूटने से बचने की रणनीति का हिस्सा बताया।
पार्टी बचाने के लिए पत्नी को विधायक और सदन का सदस्य बने बिना बेटे को मंत्री बनाने वाले उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी अब खुद ही टूटने लगी है। उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कई वरीय नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा के ऊपर परिवारवाद और अकेले निर्णय लेने का आरोप लगाया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जितेन्द्र नाथ, प्रदेश प्रवक्ता राहुल कुमार, प्रदेश महासचिव प्रमोद यादव समेत कई अन्य नेताओं ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
यह भी पढ़ें - पप्पू यादव जैसे गुंडे से धमकी दिलवा रहे हैं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष, बागी नेताओं ने कहा 'जब तक...'
पार्टी उपाध्यक्ष जितेन्द्र नाथ ने उपेंद्र कुशवाहा को भेजे अपने इस्तीफे में कहा है कि वह पिछले करीब 9 वर्षों से उनके साथ खड़े हैं लेकिन अब कई राजनीतिक एवं सांगठनिक निर्णयों से खुद को वह नहीं जोड़ पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनके साथ काम करना उचित नहीं है इसलिए वह पार्टी के प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण में भी उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी हित का ध्यान नहीं रखा। अपनी पत्नी को सासाराम से विधायक बनाया और मंत्री अपने बेटे को बना दिया। उन्हें खुद अपनी पत्नी के ऊपर भी विश्वास नहीं है। उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा पर पार्टी हित को दरकिनार करते हुए पारिवारिक हित के लिए निर्णय लेने का आरोप लगाया।
यह भी पढ़ें - बिहार के नए गृह मंत्री ने माना 'बिहार में घट रही आपराधिक घटनाएं...', कहा नीतीश कुमार ने...