पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत से NDA के सभी घटक दलों में ख़ुशी का माहौल है। शनिवार की सुबह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने पहुंचे और फिर उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस किया। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व के साथ ही सभी घटक दलों के नेता और कार्यकर्ताओं को दी। इस दौरान चिराग विपक्ष के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव समेत पुरे विपक्ष पर भी बरसे। प्रेस कांफ्रेंस से पहले लोजपा(रा) ने विधायक दल की बैठक कर प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी को विधायक दल का नेता चुना।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपने सभी नेता, कार्यकर्ताओं को एतिहासिक जीत में सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया। आज हमने मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने और जीतने के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। हमने आने वाले दिनों में गठबंधन की रूप रेखा पर भी चर्चा की। आज हम अपने उस कार्यालय में आपलोगों से रूबरू हो रहा हूँ जिस कार्यालय से मेरे पिता की पुरानी यादें जुडी हुई है। आज मुझे ख़ुशी और गर्व है कि अपने कार्यकर्ताओं के मेहनत और परिश्रम से पार्टी को उस मुकाम पर पहुँचाया जो हमारे नेता रामविलास पासवान जी की रही।
पार्टी के गठन से लेकर अब तक यह पार्टी का दूसरा बेहतर प्रदर्शन रहा। 2005 में मेरे पिता ने बगैर समर्थन के चुनाव लड़ा और 29 विधायक जीते थे। इतिहास एक बार फिर दुहराया और 2020 में मेरी पार्टी के समाप्ति की घोषणा कर दी गई और 2021 में कई चरणों में उतार चढ़ाव के बाद मान लिया गया था कि चिराग पासवान और उनकी पार्टी समाप्त हो चुकी है। मैं भी रामविलास पासवान का खून हूँ और लगातार संघर्ष करता रहा। मैंने उनसे सीख लेते हुए पार्टी को नई ऊंचाई तक ले जाने का संकल्प लिया और पिछले लोकसभा में 5 की पांच सीटें जीते और इस विधानसभा चुनाव में जीरो विधायक वाली पार्टी पर गठबंधन ने विश्वास जताया और 29 सीटें दी। उस 29 सीटों में भी गठबंधन को विश्वास था कि कठिन सीटें हैं और लोजपा(रा) ही जीत सकती है और हमने कर दिखाया है।
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चिराग पासवान ने कहा कि इस विधानसभा में भी मेरे प्रति कई तरह के नैरेटिव सेट किये गए कि जदयू चिराग पासवान से 2020 का बदला लेगी और ऐसी सीटें दे दी है कि 4-5 सीटें भी जीत ले तो काफी है। एग्जिट पोल ने भी ऐसा ही दिखाया। मैं हमेशा कहता रहा हूँ कि मैंने चुनाव सर्वे के आधार पर नहीं बल्कि अपनी मेहनत के आधार पर लड़ा। चिराग ने कहा कि मैं हमेशा ही अपनी मेहनत पर काम कर रहा था। एक वक्त ऐसा भी आया कि उस वक्त के नेता प्रतिपक्ष को इस बार मुख्यमंत्री बना ही दिया गया था। 2020 में विभाजित NDA की वजह से राजद को फायदा हुआ था और वे इस बात को लेकर अहंकार में आ गए थे। मैं हमेशा यह बात कहता था लेकिन वे लोग नहीं माने। मैं हमेशा कहता था कि उनका अहंकार ही उन्हें ले डूबेगा और अब वह सच साबित भी हुआ।
चिराग ने कहा कि उन्हें बिहार की जनता ने 2005 में ही अस्वीकार कर दिया था। 2020 में विभाजित NDA की वजह से फायदा मिला लेकिन वे इस बात को नहीं समझ सके, और अब जनता ने उन्हें फिर से बता दिया कि जनता ने उन्हें कभी स्वीकार किया ही नहीं है। बिहार की जनता को जंगलराज याद है और जनता ने उन्हें कभी स्वीकार नहीं किया। 2015 में परिस्थितिवास उन्हें लाभ हो गया, 2020 में भी फायदा हुआ और 2015 में सब कुछ प्रमाणित हो गया। लोग आज कहते हैं कि ये तो कल्पना ही नहीं की थी लेकिन मैंने कल्पना की थी। हम बार बार कह रहे थे कि अगर हम संगठित रूप से चुनाव लड़ेंगे तो महागठबंधन अस्तित्व में भी नहीं रहेगा।इनकी करारी हार दर्शाता है कि राजद और महागठबंधन को बिहार की जनता पिछले 20 सालों से नकार चुकी है। इनका सारा भ्रम जनता ने तोड़ दिया।
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चिराग ने कहा कि इस बार तो जनता ने उनका MY तक ध्वस्त कर दिया। कई सारे M और Y हैं जो अब समझ चुके हैं कि यह समीकरण सिर्फ परिवार तक ही है। आज इसी समाज के मेरे कई विधायक यहां भी मौजूद हैं। पहले दिन से ही यह चुनाव स्पष्ट था कि NDA जिन मुद्दों पर लड़ रहा था, बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट, विकास की बात हो रही थी तो वहीं महागठबंधन में एक दूसरे का पैर खींचने की बात हो रही थी। एक दूसरे को आंख दिखने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री के चेहरे पर सहमति दी, और एक और थे जो उप मुख्यमंत्री बनने के लिए पार्टी को ही स्वाहा कर दिया। उनका अहंकार तो देखिये अभी जनादेश आया नहीं था और वे लोग घोषणा करने लगे थे कि हम 18 को शपथ लेंगे। यह लोकतंत्र की भाषा नहीं है बल्कि यह अहंकार की भाषा है।
चिराग ने कहा कि जिसकों 1990 के दशक के बाद जनता ने अस्वीकार किया तो अब तक स्वीकार नहीं किया। कल मुझे ख़ुशी हुई कि बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट को प्रधानमंत्री ने भी दुहराया। मैं हमेशा कहा कि बिहार में अगर MY समीकरण है तो वह महिलाएं और युवा हैं। कल प्रधानमंत्री ने भी मजबूती से यह बात कही। इस समीकरण के साथ हमारी सरकार आने वाले दिनों में काम करेगी जहाँ जाति धर्म से उपर उठ कर मजबूत समर्थन से काम किया जायेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी सोच वाली, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार आने वाले दिनों में आप सबको देखने को मिलेगी। अगला 5 साल बिहार के लिए स्वर्णिम काल होगा। देश का प्रधानमंत्री साल भर में 12-13 बार बिहार आये, चुनाव प्रचार को लीड किया, ऐसे में परिणामो के बाद बिहार की जनता का धन्यवाद् करता हूँ कि सही समय पर सही फैसला लिया। अज इस डबल इंजन की सरकार की जरूरत है।
चिराग ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस तरह से चुनाव के कैंपेन को लीड किया है वह उनके ऊपर लगाये गए व्यक्तिगत आरोपों को नकार दिया। उन्होंने न सिर्फ चुनाव प्रचार को लीड किया बल्कि विपरीत परिस्थितियों में भी जब युवा नेता कमरों में बैठे थे उस वक्त उन्होंने गाड़ी से जा कर प्रचार किया। जनता ने उनकी क्षमता पर ही विश्वास किया। प्रधानमन्त्री के बारे में जिस तरह से आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया, आरोप लगाये गए उतना ही ज्यादा हमारा गठबंधन मजबूत हुआ। बिहार और बिहारी मर्यादा और सभ्यता के लिए जाना जाता है। मैं बिहार की जनता का धन्यवाद करते हुए प्रधानमंत्री को धन्यवाद् करता हूँ। चिराग ने अन्य घटक दल के नेताओं को भी धन्यवाद कहा और कहा कि जिस तरह से हमारे बीच दरार दिखाने की कोशिश की गई और हमने एकजुटता दिखाई। आज मुख्यमंत्री जी ने भी दिखाया कि हम आज हेलिकॉप्टर छाप पर वोट कर आये हैं तो हमारे विधायक यहां हैं और हमने भी अलौली विधानसभा में तीर छाप पर वोट डाला और रामचंद्र सदा जी जीते।
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