पटना : बिहार की महिलाओं की आत्मनिर्भरता की कहानी अब सिर्फ सीमित दायरे तक नहीं रही, बल्कि मेहनत के दम पर वह देश–विदेश तक अपनी पहचान बना रही हैं। ऐसी ही एक प्रेरक मिसाल हैं गया जिले के बोधगया की जीविका दीदी पुष्पलता, जिन्होंने बिना चीनी के नीरा से बनी मिठाइयों को बाजार में उतारकर सबका ध्यान खींचा है। राजधानी पटना के गांधी मैदान में आयोजित बिहार सरस मेला में नीरा से बने लड्डू, पेड़ा और तिलकूट का स्टॉल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग इन मिठाइयों को खास पसंद कर रहे हैं, क्योंकि इनमें चीनी का इस्तेमाल नहीं किया गया है। दीदी के सहयोगी ने बताया कि आम तौर पर नीरा को लेकर यह गलतफहमी रहती है कि यह नशीला होता है, जबकि वास्तव में नीरा एक प्राकृतिक और पोषक पेय है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी माना जाता है।
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सरस मेला के दौरान प्रतिदिन 10 से 20 हजार रुपये तक की बिक्री हो रही है। दीदी की स्थायी दुकान बोधगया में बौद्ध मंदिर के पास संचालित होती है, जहां देश-विदेश से आने वाले सैलानी नीरा से बनी मिठाइयों को खरीदते हैं। थाईलैंड और जापान जैसे देशों से आए पर्यटक भी इन उत्पादों को अपने साथ ले जाते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस नवाचार की सराहना की है। 16 अप्रैल 2022 और फिर 21 जनवरी 2023 को उन्होंने स्वयं दुकान पर पहुंचकर नीरा से बने उत्पादों का जायजा लिया और दीदी के प्रयासों की प्रशंसा की। गौरतलब है कि सरस मेला के शुरुआती तीन दिनों में ही 2.25 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ है। मेले में जीविका दीदियों के 500 से अधिक स्टॉल न केवल महिला सशक्तिकरण की कहानी कह रहे हैं, बल्कि बिहार के हुनर, स्वाद और संस्कृति को भी नए आयाम दे रहे हैं।
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