दरभंगा: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार की सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं के खाते में 10 हजार रूपये रोजगार के लिए भेजना शुरू किया था। इस योजना के तहत जीविका से जुड़ी महिलाओं के खाते में 10 -10 हजार रूपये भेजे गए। अब चुनाव खत्म होने के बाद इस योजना में एक गड़बड़ी सामने आई है और अब विभाग ने दिए हुए रूपये वापस मांगा है। विभागीय गड़बड़ी और रूपये वापस मांगे जाने के बाद अब विपक्ष ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
दरअसल मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जब 10-10 हजार रूपये भेजे जा रहे थे उस दौरान दरभंगा के दो पुरुष नागेन्द्र राम और बलराम सहनी के बैंक खाते में भी 10-10 हजार रूपये चले गए जिसे उन्होंने सरकार की तरफ से चुनावी गिफ्ट समझ कर अपने जरूरत के अनुसार खर्च भी कर लिया। अब चुनाव समाप्त होने और नई सरकार के गठन के बाद विभाग को अपनी गलती का एहसास हुआ तो फिर दोनों को पत्र लिख कर रूपये वापस करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में जीविका की तरफ से बताया गया है कि तकनीकी त्रुटी की वजह से इस योजना के तहत दिए जाने वाले रूपये के दौरान कुछ पुरुषों के खाते में भी रूपये चले गए थे।
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जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक ने दोनों को नोटिस जारी कर रूपये वापस करने के लिए कहा है। नोटिस में साफ साफ लिखा गया है कि यह राशि महिला लाभुकों के लिए थी और तकनीकी या लिपिकीय भूल के कारण उनके खातों में चली गई। अब उन्हें जल्द से पैसे जमा कर रसीद कार्यालय में देने का निर्देश दिया गया है। वहीं इस मामले में दोनों पुरुषों ने कहा कि वे गरीब हैं और जब उनके खाते में पैसे आये तो उन्होंने चुनावी गिफ्ट समझ कर खर्च कर दिया। अब यह रुपया उनके लिए लौटाना संभव नहीं है। इस गड़बड़ी के बाद अब राजद ने सरकार पर तंज कसा है और रूपये वापसी के लिए लिखे पत्र को लव लेटर बताया है।
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