गोपालगंज: नमामि गंगे परियोजना के तहत देश की नदियों को स्वच्छ, सुरक्षित और जीवंत बनाए रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार द्वारा लगातार वैज्ञानिक अध्ययन किया जा रहा है। इसी क्रम में देहरादून से आई दो सदस्यीय शोधकर्ता टीम गोपालगंज पहुंची और जिले के जादोपुर रजवाही स्थित गंडक नदी पर बने पुल के पास से नदी के जल और मिट्टी के नमूने एकत्र किए। शोधकर्ता टीम ने बताया कि यह अध्ययन नमामि गंगे योजना के अंतर्गत किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य नदियों के पानी और मिट्टी की गुणवत्ता की वैज्ञानिक जांच करना है। इस जांच के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि नदी के जल में कौन-कौन से तत्व मौजूद हैं, मिट्टी की स्थिति कैसी है और बरसात के मौसम में खेतों से बहकर आने वाले रासायनिक खाद और कीटनाशक नदियों को किस हद तक प्रभावित कर रहे हैं।
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इसके अलावा नदी किनारे स्थित औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों का नदी के पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ रहा है, इसका भी अध्ययन किया जा रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण नदी का पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है, जिससे कई जलीय जीव-जंतु और मछलियों की प्रजातियां खतरे में हैं।गोपालगंज सहित देश के अलग-अलग हिस्सों से एकत्र किए गए जल और मिट्टी के नमूनों को देहरादून स्थित प्रयोगशाला में भेजा जाएगा, जहां उनकी विस्तृत जांच होगी। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि किन क्षेत्रों में प्रदूषण अधिक है और कहां सुधार की आवश्यकता है। इसके बाद नदियों के संरक्षण और सुधार के लिए आगे की कार्ययोजना बनाई जाएगी। साथ ही, स्थानीय लोगों को नदियों की स्वच्छता और जलीय जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की भी योजना है, ताकि जनसहभागिता से नदियों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाया जा सके।
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